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Admin Site|05.07.2025|J&K|Bharat|India|Hindustan|Skuast|
श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K) के छठे दीक्षांत समारोह का आयोजन एक गरिमामय वातावरण में हुआ। यह अवसर केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं, बल्कि समस्त जम्मू-कश्मीर और देश के लिए भी प्रेरणास्पद रहा, क्योंकि समारोह के दौरान केंद्र सरकार की ओर से राज्य को आत्मनिर्भर कृषि, नवाचार और वैश्विक बागवानी केंद्र के रूप में विकसित करने की कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ की गईं।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और 5,250 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कीं। समारोह में 150 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 445 को मेरिट प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। मंच पर राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र चौधरी, कृषि मंत्री श्री जावेद अहमद डार, और शिक्षा मंत्री सुश्री सकीना मसूद सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, वरिष्ठ प्राध्यापक और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
जम्मू-कश्मीर – देश का मुकुटमणि
अपने ओजस्वी संबोधन की शुरुआत करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर भारत का मुकुटमणि है। यहाँ की माटी, इसकी हवाएँ और लोगों का स्नेह चित्त को प्रसन्न करता है। यहाँ की संस्कृति में जो गहराई है, वह देश की आत्मा को झकझोरती है।”
श्री चौहान ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को विकसित भारत के मॉडल प्रदेश के रूप में बदलने हेतु कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में अब तक अनेक महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जा चुके हैं और विकास के नए द्वार खोले जा रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला के साथ हुई उच्च स्तरीय नीति समीक्षा का भी उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य में कृषि, ग्रामीण विकास और युवाओं की शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योजनाएँ लागू की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों को नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा।
SKUAST-K को राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा
केंद्रीय मंत्री ने SKUAST-K को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले एक अग्रणी कृषि संस्थान के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “यह विश्वविद्यालय अब सिर्फ एक राज्य स्तरीय संस्थान नहीं रहा, बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन चुका है। यहाँ न केवल भारत के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से, बल्कि अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और अफ्रीकी देशों से भी छात्र अध्ययन हेतु आते हैं।”
उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान उपलब्धियों, और कृषि में आधुनिक तकनीकों के प्रयोग की सराहना की। SKUAST-K इस समय देश के राज्य विश्वविद्यालयों की सूची में पाँचवें स्थान पर है और जल्द ही इसे देश का सर्वश्रेष्ठ कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में केंद्र सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर SKUAST-K के कुलपति प्रो. डॉ. निसार अहमद खान ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें स्मार्ट एग्रीकल्चर, ऑर्गेनिक फार्मिंग, जलवायु-संवेदनशील खेती, और डिजिटल एग्री इनोवेशन हब की जानकारी दी गई।
दीक्षांत – एक नई शुरुआत
श्री चौहान ने दीक्षांत को केवल शिक्षा की समाप्ति नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत के रूप में परिभाषित किया। उन्होंने कहा, “दीक्षांत का अर्थ है – अब आप समाज के निर्माणकर्ता बन चुके हैं। अब आप केवल छात्र नहीं, बल्कि राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। यह समय है जब आप अपनी ऊर्जा, ज्ञान और रचनात्मकता का उपयोग समाज, किसानों और राष्ट्र के विकास में करें।”
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि उत्पादन में 44% की वृद्धि हुई है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों को तकनीकी सहायता, बीमा, क्रेडिट और ई-नाम जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यापक सहायता दी है।
श्री चौहान ने कहा कि कृषि केवल पारंपरिक कर्म नहीं, बल्कि अब यह नवाचार और उद्यमिता का क्षेत्र बन चुका है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे कृषि में स्टार्टअप, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, सस्टेनेबल खेती और जैविक उत्पादों की ओर रुख करें।
जम्मू-कश्मीर – विश्व बागवानी केंद्र
सबसे उल्लेखनीय घोषणा यह रही कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को विश्व बागवानी केंद्र बनाने के लिए SKUAST-K के सहयोग से एक महत्त्वाकांक्षी योजना पर कार्य कर रही है। इसके अंतर्गत क्लीन प्लांट सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए ₹150 करोड़ का विशेष बजट आवंटित किया गया है।
इस योजना के तहत सेब, अखरोट, चेरी, बादाम जैसे फलों के गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। अब तक ये पौधे बाहरी देशों से मंगवाए जाते थे, जिससे लागत और रोगों का खतरा बढ़ता था। श्री चौहान ने कहा, “हमारा सेब अब आयात नहीं, बल्कि निर्यात होगा। गुणवत्ता, उत्पादन और किसानों की आय – तीनों में अभूतपूर्व सुधार होगा।”
इस पहल से राज्य के हजारों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और स्थानीय बागवानी उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का अवसर मिलेगा। इस क्लीन प्लांट मिशन को विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का भी समर्थन मिलने की संभावना है।
5,250 विद्यार्थियों को उपाधियाँ
SKUAST-K के छठे दीक्षांत समारोह में कुल 5,250 विद्यार्थियों को विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें कृषि विज्ञान, बागवानी, वानिकी, पशुपालन, मत्स्य विज्ञान, कृषि अभियंत्रण, और खाद्य प्रौद्योगिकी जैसे विविध विषयों के छात्र शामिल थे।
इस उपाधि वितरण ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक पहुंच और विस्तार को उजागर किया, जो जम्मू-कश्मीर जैसे सीमांत क्षेत्र में शिक्षा को नई ऊँचाइयों तक पहुंचा रहा है।
विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक
संस्थान द्वारा शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 150 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। ये पदक उनके संबंधित विभागों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर दिए गए।
इससे यह सिद्ध होता है कि SKUAST-K न केवल उच्च शिक्षा उपलब्ध करा रहा है, बल्कि छात्रों को प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की प्रतिबद्धता भी निभा रहा है।
विद्यार्थियों को मेरिट प्रमाण पत्र
विश्वविद्यालय ने 445 विद्यार्थियों को विशेष मेरिट प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी प्रतिभा का सम्मान किया। ये विद्यार्थी अनुसंधान, प्रायोगिक कार्यों, सामुदायिक सेवा और नवाचार जैसे क्षेत्रों में अग्रणी रहे।
इससे यह स्पष्ट है कि SKUAST-K में केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि बहु-आयामी विकास को भी महत्व दिया जाता है।
SKUAST-K राष्ट्रीय विश्वविद्यालय
दीक्षांत समारोह के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने SKUAST-K को “राष्ट्रीय विश्वविद्यालय” के रूप में उभरते संस्थान की संज्ञा दी।
संस्थान में अब तक देश के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के छात्र अध्ययनरत हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है। यह उपलब्धि जम्मू-कश्मीर जैसे पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है।
₹150 करोड़
केंद्रीय मंत्री ने SKUAST-K परिसर में क्लीन प्लांट सेंटर स्थापित करने की योजना की घोषणा की। इस परियोजना पर ₹150 करोड़ की लागत आएगी।
इस योजना का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में रोग-मुक्त फल पौधों का उत्पादन करना है। इससे बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता सुधरेगी, आयात पर निर्भरता घटेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
यह कदम विश्वविद्यालय को नवाचार और तकनीकी अनुसंधान के केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
J&K को वैश्विक केंद्र
SKUAST-K को आधार बनाकर जम्मू-कश्मीर को “वैश्विक बागवानी केंद्र” बनाने की योजना पर भी काम हो रहा है।
इस पहल के तहत क्षेत्रीय किसानों को बेहतर तकनीक, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुँच दी जाएगी। उच्च गुणवत्ता वाले सेब, अखरोट, चेरी और अन्य बागवानी उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि भारत का बागवानी निर्यात भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
डिजिटल एग्री इनोवेशन
दीक्षांत समारोह में डिजिटल एग्री इनोवेशन और स्मार्ट खेती को लेकर भी महत्त्वपूर्ण घोषणाएं हुईं। विश्वविद्यालय अब छात्रों को ड्रोन तकनीक, सेंसर्स, सैटेलाइट इमेजरी, और डेटा एनालिटिक्स जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दे रहा है।
वहीं, स्टार्टअप इंडिया मिशन के अंतर्गत SKUAST-K ने कई छात्रों को कृषि आधारित स्टार्टअप्स शुरू करने के लिए सहयोग किया है।
इससे युवा वर्ग में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा मिल रहा है और कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है।
महिला छात्र
इस वर्ष विश्वविद्यालय में महिला छात्रों की भागीदारी में 27% की वृद्धि दर्ज की गई। यह सामाजिक समानता और लैंगिक संवेदनशीलता की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
कृषि जैसे पारंपरिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना ग्रामीण सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने महिला छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्तियों, होस्टल सुविधा और नेतृत्व प्रशिक्षण जैसी पहलों की भी जानकारी दी।
SKUAST-K में विदेशी छात्र
SKUAST-K में वर्तमान में 312 विदेशी छात्र अध्ययनरत हैं, जो इसकी वैश्विक पहचान का संकेत है। नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया और सूडान जैसे देशों से विद्यार्थी यहाँ कृषि, बागवानी और पशुपालन विज्ञान में डिग्री प्राप्त कर रहे हैं।
इससे विश्वविद्यालय की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वास की पुष्टि होती है। इसके साथ ही यह भारत की शैक्षणिक कूटनीति और सांस्कृतिक नेतृत्व को भी मजबूत करता है।
पर्यावरण
इस समारोह को पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक भी बनाया गया। आयोजन स्थल पर प्लास्टिक मुक्त नीति अपनाई गई और अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में पौधे भेंट किए गए।
इसके अतिरिक्त, परिसर में विशेष पौधारोपण अभियान चलाया गया, जिसमें 1,000 से अधिक वृक्ष लगाए गए। यह पहल विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरूकता और सतत विकास की भावना को बल देती है।