
आज के युग में जब शहरीकरण और तकनीकी विकास के कारण जीवनशैली दिन-प्रतिदिन निष्क्रिय होती जा रही है, ऐसे में देश में स्वास्थ्य और फिटनेस को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की अगली कड़ी के रूप में केंद्रीय युवा मामलों एवं खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुजरात के पवित्र नगर पालिताना से ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ के 29वें संस्करण का नेतृत्व किया। यह कार्यक्रम देशभर में 6,000 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया और इसका उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं बल्कि स्वच्छता, अनुशासन, और सामाजिक समर्पण को बढ़ावा देना भी था।
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि : फिटनेस से राष्ट्रनिर्माण
‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 अगस्त 2019 को की थी। इसका उद्देश्य देश के नागरिकों, विशेषकर युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करना था। इसी कड़ी में दिसंबर 2024 में ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ अभियान की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत हर रविवार को साइक्लिंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह न केवल एक फिटनेस अभियान है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी एक मजबूत माध्यम बन चुका है।
अब तक इस अभियान के तहत 11,000 से अधिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और 4 लाख से अधिक नागरिक इसमें सक्रिय भागीदारी कर चुके हैं। 2,000 से अधिक साइक्लिंग क्लब और विभिन्न खेलो इंडिया सेंटर्स इसकी रीढ़ की हड्डी बन चुके हैं।
पालिताना : डॉ. मंडाविया की अगुवाई में प्रेरणा का केंद्र
गुजरात के भावनगर जिले स्थित पवित्र जैन तीर्थ स्थल पालिताना से रविवार सुबह जब डॉ. मंडाविया साइकिल पर सवार हुए, तो उनके साथ सैकड़ों ‘स्वच्छता सेनानी’ और स्थानीय साइक्लिंग क्लब के सदस्य भी इस अभियान का हिस्सा बने। पालिताना, जहां अध्यात्म और स्वच्छता की विशेष संस्कृति बसती है, वहां से इस प्रकार के आयोजन की शुरुआत अत्यंत प्रेरणादायक थी।
डॉ. मंडाविया ने कहा—
“हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 2019 में शुरू किया गया फिट इंडिया आंदोलन ‘संडे ऑन साइकिल’ के माध्यम से सर्वोत्तम तरीके से आगे बढ़ रहा है। यह अब सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि एक जनआंदोलन बन चुका है।”
उन्होंने आगे यह भी कहा—
“हमें इस आधुनिक पीढ़ी में साइकिलिंग को एक प्रवृत्ति बनाना होगा। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि हमारे शरीर और मन को भी ऊर्जा और स्थायित्व प्रदान करता है।”
स्वच्छता सेनानियों की भागीदारी : समाज के असली नायक
इस विशेष साइक्लिंग अभियान में ‘स्वच्छता सेनानियों’ की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। ये वही लोग हैं जो प्रतिदिन समाज की स्वच्छता के लिए अपना श्रमदान करते हैं। जब वे साइकिल पर सवार होकर जनमानस को फिटनेस का संदेश देते हैं, तो वह दृश्य स्वयं एक सामाजिक क्रांति का आभास देता है।
डॉ. मंडाविया ने कहा—
“स्वच्छता सेनानियों के नेतृत्व में हम एक मजबूत संकेत भेज रहे हैं कि फिटनेस और स्वच्छता साथ-साथ चलते हैं। हर नागरिक, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकता है।”
दिल्ली से लेकर दार्जिलिंग तक, जयपुर से लेकर इम्फाल तक – देश भर में जन भागीदारी
देश की राजधानी दिल्ली में इस आयोजन ने विशेष आकर्षण पैदा किया। प्रतिष्ठित कनॉट प्लेस पर राहगीरी फाउंडेशन और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में करीब 1,000 साइकिल चालकों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि पद्मश्री पुरस्कार विजेता और पूर्व राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता बबीता फोगाट ने जब मंच से कहा—
“आज सुबह, CP में मौजूद हर कोई सिर्फ फिट इंडिया और संडे ऑन साइकिल के बारे में बात कर रहा था। उत्साह भरा हुआ था, और मुझे यकीन है कि कई लोग जिन्होंने वर्षों में पहली बार साइकिल चलाई, वे ऐसा करना जारी रखेंगे।”
—तो वहां उपस्थित हर प्रतिभागी को गर्व का अनुभव हुआ।
जयपुर, भोपाल, पटना, कोहिमा, शिलांग, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोच्चि, श्रीनगर, लेह, और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी नागरिकों ने सुबह-सुबह सड़क पर उतर कर फिटनेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की।
अन्य गतिविधियाँ : साइक्लिंग से परे फिटनेस और मनोरंजन का संगम
इस अभियान को बहुआयामी बनाने के लिए केवल साइक्लिंग ही नहीं, बल्कि कई अन्य गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें भाग लेने वाले नागरिकों को आनंद के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी मिला।
प्रमुख गतिविधियाँ:
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जुम्बा और योगा सत्र: ऊर्जा और मानसिक शांति का आदान-प्रदान
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रस्सी कूद प्रतियोगिता: डॉ. शिखा गुप्ता के नेतृत्व में जीवंत आयोजन
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नुक्कड़ नाटक: स्वच्छता और फिटनेस पर आधारित सामाजिक संदेश
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लोक नृत्य: सांस्कृतिक एकता का परिचायक
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ओपन माइक: युवाओं को अपने विचार साझा करने का अवसर
इन आयोजनों ने युवाओं, बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं – हर आयु वर्ग को जोड़ने में सफलता प्राप्त की।
अभियान की संस्थागत भागीदारी : एक सशक्त संरचना
‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम को सफल बनाने में कई संस्थाएं मिलकर कार्य कर रही हैं। इसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है:
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साइक्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (CFI) : तकनीकी मार्गदर्शन और साइक्लिंग क्लबों की निगरानी
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माई भारत (MY Bharat) : युवा स्वयंसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित करना
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योगासन भारत : योग के तत्वों को फिटनेस से जोड़ना
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खेलो इंडिया अकादमियाँ (KIAA) : छात्रों और खिलाड़ियों को प्रेरित करना
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SAI ट्रेनिंग सेंटर्स और क्षेत्रीय केंद्र (RC) : आयोजन के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना प्रदान करना
सामाजिक, शारीरिक और पर्यावरणीय लाभ
यह कार्यक्रम केवल साइक्लिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई स्तरों पर गहन प्रभाव देखे जा रहे हैं:
1. सामाजिक लाभ:
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सामुदायिक भावना में वृद्धि
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सामाजिक समरसता का संदेश
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स्वच्छता सेनानियों के प्रति सम्मान
2. शारीरिक लाभ:
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हृदय स्वास्थ्य में सुधार
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वजन नियंत्रण
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मानसिक तनाव में कमी
3. पर्यावरणीय लाभ:
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प्रदूषण में कमी
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पेट्रोल-डीजल की बचत
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सस्टेनेबल जीवनशैली को बढ़ावा
भविष्य की रूपरेखा : हर रविवार को फिटनेस का पर्व
इस अभियान का उद्देश्य हर रविवार को इसे एक जन-उत्सव के रूप में स्थापित करना है। डॉ. मंडाविया ने इस बात को दोहराया कि आने वाले महीनों में इस पहल को देश के हर कोने तक पहुंचाया जाएगा, जिसमें स्कूल, कॉलेज, पंचायत, शहरी निकाय और कॉर्पोरेट क्षेत्र की भागीदारी को और मजबूत किया जाएगा।
डॉ. मंडाविया ने कहा—
“हम चाहते हैं कि हर बच्चा, हर युवा, हर बुजुर्ग और हर कर्मचारी अपने जीवन में साइक्लिंग को एक आदत बनाए। यह बदलाव केवल एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समाज का होगा।”
निष्कर्ष : फिट इंडिया – जनआंदोलन की दिशा में एक और मजबूत कदम
‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ आज केवल एक साइक्लिंग कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक वैचारिक आंदोलन बन चुका है जो नागरिकों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रहा है। पालिताना से लेकर कनॉट प्लेस तक, स्वच्छता सेनानी से लेकर ओलंपिक पदक विजेता तक, यह कार्यक्रम हर भारतीय को यह संदेश देता है कि फिटनेस कोई विकल्प नहीं, बल्कि जीवन की अनिवार्यता है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘फिट इंडिया’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए यह पहल भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। जब हर रविवार सुबह देश साइकिल पर निकलेगा, तो न केवल सड़कें बल्कि समाज भी चलायमान और स्वस्थ होगा।