गाज़ा संघर्ष को लेकर वैश्विक स्तर पर पहली बार एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता के संकेत मिले हैं। अमेरिका द्वारा प्रस्तुत युद्धविराम प्रस्ताव पर हमास ने ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ दी है, और इज़राइल पहले ही इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे चुका है। इस घटनाक्रम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति की दिशा में एक निर्णायक मोड़ बताया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “यह प्रस्ताव इससे बेहतर नहीं होगा। स्थिति केवल और खराब हो सकती है। हमास को यह स्वीकार करना चाहिए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इज़राइल पहले ही आवश्यक शर्तों पर सहमत हो चुका है और यह समय शांति स्थापित करने का है।
गौरतलब है कि गाज़ा में अक्टूबर 2023 से शुरू हुए संघर्ष में अब तक फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 57,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस आंकड़े ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह तत्काल समाधान की दिशा में ठोस पहल करे।
कतर और मिस्र की मध्यस्थता में तैयार किए गए इस ताजा प्रस्ताव में कुल 60 दिनों के युद्धविराम की योजना है। इस अवधि में मानवीय सहायता, बंधकों की रिहाई और सीमित सैन्य वापसी जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
हमास ने संकेत दिया है कि उसने फिलिस्तीनी संगठनों के साथ आंतरिक चर्चा पूरी कर ली है और अब वह कतर व मिस्र के माध्यम से अमेरिका व इज़राइल के साथ आगे की बातचीत के लिए तैयार है।
प्रस्ताव के तहत पहले दिन 10 इज़रायली बंधकों को रिहा किया जाएगा, जिनमें 8 जीवित और 2 मृतकों के शव शामिल होंगे। इसके बदले में इज़राइल की जेलों में बंद दर्जनों फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया चरणबद्ध ढंग से जारी रहेगी।
इज़राइल इस प्रस्ताव के तहत उत्तरी गाज़ा के कुछ हिस्सों से अपनी सेना हटाएगा, जिससे वहां मानवीय राहत पहुँचाने में सहूलियत होगी। साथ ही, संघर्ष के स्थायी समाधान के लिए राजनीतिक वार्ताओं का रास्ता भी खुलेगा।
योजना में मानवीय सहायता की आपूर्ति को प्राथमिकता दी गई है। इज़राइल को पारंपरिक और नए चैनलों के माध्यम से गाज़ा में राहत सामग्री पहुँचाने की अनुमति देनी होगी। इसमें खाद्य पदार्थ, दवाइयां, और निर्माण सामग्री शामिल होंगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर और मिस्र की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इन देशों ने न सिर्फ मध्यस्थता निभाई, बल्कि समाधान की प्रक्रिया को संभव भी बनाया। “यह शांति के लिए एक ऐतिहासिक क्षण हो सकता है,” उन्होंने कहा।
ट्रंप ने ईरान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ईरान अभी तक अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर पारदर्शिता नहीं दिखा पाया है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने उसकी परमाणु क्षमताओं को “स्थायी रूप से पीछे धकेल” दिया है, लेकिन यह भी माना कि ईरान भविष्य में किसी अन्य स्थान से अपनी गतिविधियाँ फिर से शुरू कर सकता है।
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति ट्रंप सोमवार को इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में गाज़ा युद्धविराम योजना, ईरान का खतरा, और शांति प्रक्रिया के अगले चरणों पर चर्चा होगी।
इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी इस प्रस्ताव पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, लेकिन उनकी गठबंधन सरकार में शामिल कुछ कट्टरपंथी दलों के विरोध की आशंका जताई जा रही है। इससे पहले वे अमेरिका रवाना होने से पहले कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय करेंगे।
60 दिन का अस्थायी युद्धविराम प्रस्तावित
इस प्रस्ताव के अंतर्गत गाज़ा और इज़राइल के बीच कम से कम 60 दिनों का पूर्ण युद्धविराम लागू होगा। इस अवधि में दोनों पक्ष किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे। इसका उद्देश्य है मानवीय सहायता पहुंचाना, आपसी विश्वास बहाल करना और बातचीत के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना। इस अस्थायी युद्धविराम को भविष्य में स्थायी युद्धविराम में परिवर्तित करने की योजना भी प्रस्तावित है।
बंधकों की चरणबद्ध रिहाई – पहले दिन 10 इज़रायली बंधक छोड़े जाएंगे
हमास द्वारा कब्जे में लिए गए इज़रायली बंधकों को चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा। पहले दिन 10 बंधकों को रिहा किया जाएगा, जिनमें से 8 जीवित और 2 मृतकों के शव शामिल होंगे। इसके बाद, सप्ताह दर सप्ताह विभिन्न चरणों में और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रक्रिया को संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की निगरानी में निष्पादित किया जाएगा।
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई – हर चरण के बदले जवाबी कदम
बंधकों की प्रत्येक खेप की रिहाई के बदले में इज़राइल अपने कारागारों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। यह प्रक्रिया संतुलन और न्याय की भावना पर आधारित होगी। प्राथमिकता उन कैदियों को दी जाएगी जो बिना किसी हिंसक अपराध के कैद हैं, जिनमें महिलाएं, नाबालिग और पत्रकार शामिल हो सकते हैं। इससे दोनों समुदायों में शांति और सहानुभूति का माहौल बन सकेगा।
इज़रायली सेना की वापसी – उत्तरी गाज़ा के कुछ हिस्सों से
इज़राइल, प्रस्ताव के अनुसार, उत्तरी गाज़ा के चुनिंदा हिस्सों से अपनी सेना को चरणबद्ध रूप से हटाएगा। यह कदम मानवीय राहत पहुंचाने और नागरिकों की सामान्य जीवनचर्या बहाल करने में मददगार होगा। इस वापसी की निगरानी मिस्र और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई पक्ष शर्तों का उल्लंघन न करे।
मानवीय सहायता – राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की शर्त
गाज़ा में राहत सामग्री भेजने के लिए इज़राइल को राहत गलियारों की अनुमति देनी होगी। खाद्यान्न, दवाइयां, ईंधन, टेंट, साफ पानी और निर्माण सामग्री को गाज़ा में प्रवेश की इजाजत दी जाएगी। यह आपूर्ति संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन और रेड क्रॉस के माध्यम से की जाएगी। इसका उद्देश्य गाज़ा की नागरिक आबादी को तत्काल राहत पहुंचाना है, जो बमबारी और घेराबंदी के कारण गंभीर मानवीय संकट से जूझ रही है।
स्थायी युद्धविराम की संभावनाएं – बाद के दौर की बातचीत में
अस्थायी युद्धविराम की अवधि का प्रयोग एक स्थायी समझौते की नींव रखने के लिए किया जाएगा। यदि 60 दिनों के भीतर दोनों पक्ष शांति बनाए रखते हैं, तो अगले चरण में राजनीतिक समाधान, सीमा निर्धारण, पुनर्निर्माण, गाज़ा प्रशासन में सुधार और सुरक्षा गारंटी जैसे मुद्दों पर वार्ता की जाएगी। इसमें अमेरिका, कतर, मिस्र, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की भागीदारी संभावित है।
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