
भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने 29 जून 2025 को देशभर में 19वें सांख्यिकी दिवस के उपलक्ष्य में सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) से संबंधित तीन महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया। यह दिवस आधुनिक भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती पर मनाया जाता है, जिनके योगदान ने देश में योजना निर्माण और नीति निर्धारण के वैज्ञानिक आधार को मजबूत किया।
इस अवसर पर जिन तीन प्रमुख प्रकाशनों का विमोचन किया गया, वे हैं:
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सतत विकास लक्ष्य – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट, 2025
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सतत विकास लक्ष्यों पर डेटा स्नैपशॉट – राष्ट्रीय संकेतक ढांचा, प्रगति रिपोर्ट, 2025
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सतत विकास लक्ष्य – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2025
इन रिपोर्टों के माध्यम से भारत सरकार की सतत विकास लक्ष्यों को लेकर प्रतिबद्धता और कार्यान्वयन की दिशा में की गई प्रगति को दर्शाया गया है। इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य नीति निर्धारण और कार्यक्रम क्रियान्वयन एजेंसियों के लिए एक मजबूत सांख्यिकी ढांचा प्रदान करना है ताकि देश सतत विकास की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हो सके।
🔹 सतत विकास लक्ष्य और भारत की प्रतिबद्धता
2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 17 सतत विकास लक्ष्यों को 2030 तक प्राप्त करने के लिए भारत ने एक स्पष्ट दृष्टिकोण अपनाया है। इन लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन, गुणवत्ता शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक वृद्धि, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना, टिकाऊ शहर और समुदाय, सतत उपभोग जैसे व्यापक विषय शामिल हैं।
भारत सरकार ने एसडीजी को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ जोड़ने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की है। इसके तहत मंत्रालयों, राज्य सरकारों, नीति आयोग, और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ परामर्श करके राष्ट्रीय संकेतक ढांचा (National Indicator Framework – NIF) विकसित किया गया है। यह ढांचा भारत में एसडीजी की निगरानी, मूल्यांकन और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
🔹 एसडीजी रिपोर्ट 2025: संरचना और विश्लेषण
राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा प्रगति रिपोर्ट 2025 को चार व्यापक खंडों में विभाजित किया गया है:
1. संक्षिप्त विवरण और कार्यकारी सारांश
इस भाग में एसडीजी-एनआईएफ की पृष्ठभूमि, इसके विकास की प्रक्रिया, और 2025 तक की गई प्रगति की झलक दी गई है। इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के समन्वय से एसडीजी पर निगरानी को प्रभावी बनाया गया है।
2. डेटा स्नैपशॉट
यह खंड एसडीजी संकेतकों के आंकड़ों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है ताकि सामान्य पाठक, नीति निर्माता और शोधकर्ता एक त्वरित अवलोकन कर सकें। यह एक दृष्टिगोचर प्रस्तुति है जो प्रत्येक लक्ष्य के तहत हुई प्रमुख प्रगति को बिंदुवार प्रदर्शित करती है।
3. मेटाडेटा
यह खंड प्रत्येक संकेतक के बारे में विस्तृत जानकारी देता है – जैसे संकेतक का उद्देश्य, उससे संबंधित वैश्विक लक्ष्य, डेटा स्रोत, आवधिकता, विघटन स्तर (जैसे लिंग, आयु, क्षेत्र) और मापन की इकाई। यह नीति निर्माताओं को गहन विश्लेषण और योजना के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराता है।
4. समय श्रृंखला डेटा तालिकाएँ
इस भाग में उपलब्ध संकेतकों के लिए वर्ष दर वर्ष डेटा प्रस्तुत किया गया है। यह तालिकाएँ एक्सेल प्रारूप में उपलब्ध हैं और नीति विश्लेषण, शैक्षणिक अनुसंधान और योजना कार्य में अत्यंत उपयोगी हैं।
🔹 2025 की रिपोर्ट से प्रमुख निष्कर्ष
सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। निम्नलिखित बिंदु रिपोर्ट में दर्शाए गए महत्वपूर्ण आँकड़ों और रुझानों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं:
✅ सामाजिक सुरक्षा कवरेज में वृद्धि
2016 में केवल 22% जनसंख्या सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के दायरे में थी, जो 2025 में बढ़कर 64.3% हो गई है। यह सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।
✅ कृषि उत्पादकता में उन्नति
प्रति कृषि श्रमिक सकल मूल्य संवर्धन 2015-16 में ₹61,247 था, जो 2024-25 में ₹94,110 तक पहुँच गया है। यह संकेत देता है कि कृषि क्षेत्र में आय और उत्पादकता दोनों में सुधार हुआ है।
✅ सुरक्षित पेयजल की पहुंच
ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत पेयजल स्रोतों तक पहुंच 2015-16 में 94.57% थी, जो 2024-25 में 99.62% हो गई है। यह स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों की सफलता का प्रमाण है।
✅ नवीकरणीय ऊर्जा में तीव्र विस्तार
कुल बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 2015-16 के 16.02% से बढ़कर 2024-25 में 22.13% हो गई है। इसी प्रकार, प्रति व्यक्ति नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 64.04 वाट (2014-15) से बढ़कर 156.31 वाट (2024-25) हो गई है।
अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार
2019-20 में देश में 829 अपशिष्ट पुनर्चक्रण संयंत्र थे, जो 2024-25 में 3036 हो गए हैं। साथ ही संसाधित अपशिष्ट का प्रतिशत भी 17.97% से बढ़कर 80.7% हो गया है।
उद्यमिता में तेज़ उछाल
स्टार्ट-अप इंडिया के अंतर्गत मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या 2016 में 453 थी, जो 2024 में बढ़कर 34,293 हो गई है। यह भारत में नवाचार और युवा उद्यमशीलता की लहर को दर्शाता है।
आय असमानता में कमी
गिनी गुणांक ग्रामीण क्षेत्रों में 0.283 (2011-12) से घटकर 0.237 (2023-24) हो गया है। शहरी क्षेत्रों में यह 0.363 से 0.284 तक आया है, जो आय वितरण में सुधार का संकेत देता है।
जलवायु परिवर्तन की दिशा में ठोस कदम
2020 में, भारत ने 2005 के स्तर की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 36% की कमी हासिल की है। यह पेरिस समझौते के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।
डिजिटल भारत की प्रगति
देश में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 2015 में 302.36 मिलियन थी, जो 2024 में 954.40 मिलियन तक पहुँच गई है। यह डिजिटल समावेशन और कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी परिवर्तन का परिचायक है।
वन क्षेत्र में विस्तार
देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वन क्षेत्र का प्रतिशत 2015 में 21.34% से बढ़कर 2023 में 21.76% हो गया है, जो पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में एक स्थायी प्रयास को दर्शाता है।
🔹 अन्य दो प्रकाशन: रूपरेखा और महत्व
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सतत विकास लक्ष्यों पर डेटा स्नैपशॉट – राष्ट्रीय संकेतक ढांचा प्रगति रिपोर्ट, 2025
यह प्रकाशन एसडीजी प्रगति रिपोर्ट का एक संक्षिप्त संस्करण है, जिसे हैंडबुक रूप में तैयार किया गया है। इसमें समय श्रृंखला डेटा का सारांश रूप में विश्लेषण किया गया है, जो त्वरित संदर्भ के लिए अत्यंत उपयोगी है। -
सतत विकास लक्ष्य – राष्ट्रीय संकेतक रूपरेखा, 2025
इस दस्तावेज़ में सभी 284 राष्ट्रीय एसडीजी संकेतकों की सूची, संबंधित डेटा स्रोत और उनकी आवधिकता (monthly, annual आदि) दी गई है। यह एक तकनीकी संदर्भ दस्तावेज़ है, जो नीति निर्माता और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
🔹 पारदर्शिता और सहभागिता: मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध
MoSPI ने इन तीनों प्रकाशनों को मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट (www.mospi.gov.in) पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया है, जिससे आम नागरिक, शोधकर्ता, मीडिया, एनजीओ, और नीति विशेषज्ञ इनका उपयोग कर सकते हैं। यह पारदर्शिता और सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
🔹 नीति और विकास विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा, “एसडीजी संकेतकों पर आधारित यह रिपोर्ट भारत की प्रतिबद्धता और प्रगति का प्रमाण है। इससे हम साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को और प्रभावी बना सकते हैं।” वहीं संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के भारत प्रमुख ने MoSPI की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट विकासशील देशों के लिए एक मॉडल है।
🔹 निष्कर्ष
भारत की एसडीजी प्रगति रिपोर्ट 2025, सिर्फ एक सांख्यिकीय दस्तावेज़ नहीं, बल्कि उस यात्रा का आईना है जिसमें भारत 2030 तक एक समावेशी, न्यायसंगत, सतत और समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। सामाजिक सुरक्षा, डिजिटल समावेशन, पर्यावरणीय संरक्षण, और उद्यमशीलता जैसे क्षेत्रों में भारत ने उल्लेखनीय सफलता पाई है, जिसे इन रिपोर्टों के माध्यम से जनता के सामने लाया गया है।
सांख्यिकी दिवस 2025 के अवसर पर जारी यह रिपोर्टें न केवल आंकड़ों का संग्रह हैं, बल्कि वे उस प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता की अभिव्यक्ति हैं जिसके माध्यम से भारत सतत विकास के मार्ग पर सशक्त कदमों के साथ आगे बढ़ रहा है। यह अवसर न केवल उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि आगामी लक्ष्यों के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी का भी स्मरण है।