Admin Site |09.07.2025|Mission Sindoor|
राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने सोमवार को अलवर जिले के प्रमुख जल स्रोत सिलीसेढ झील का दौरा कर क्षेत्रीय विकास और जल प्रबंधन को लेकर महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने झील से जुड़े अपर कैनाल की डिसिल्टिंग (गाद सफाई) कार्य में तेजी लाने और अलवर शहर के लिए प्रस्तावित पेयजल योजना को शीघ्र गति देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सिलीसेढ झील का ओवरफ्लो पानी अपर कैनाल से होते हुए जयसमंद बांध में पहुंचता है, जो अलवर की जलापूर्ति और कृषि सिंचाई की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यदि इस कैनाल में समय पर डिसिल्टिंग नहीं की गई, तो वर्षा के जल का संचित उपयोग बाधित हो सकता है। इसीलिए विभागीय समन्वय से कैनाल की सफाई और मलबा हटाने की प्रक्रिया प्राथमिकता पर पूरी की जाए।
पेयजल योजना को मिली प्रशासनिक प्राथमिकता
श्री शर्मा ने इस दौरान जलदाय विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग और वन विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय दौरा किया तथा बजट घोषणा के अंतर्गत स्वीकृत अलवर पेयजल योजना को जल्द धरातल पर लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अलवर शहर की बढ़ती जनसंख्या और गर्मी के मौसम में जल संकट की गंभीरता को देखते हुए यह योजना जीवनरेखा सिद्ध हो सकती है।
उन्होंने परियोजना से जुड़े लंबित फाइलों की त्वरित स्वीकृति और बजट उपयोग की प्रगति रिपोर्ट तलब की। स्थानीय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि “पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा को लेकर किसी प्रकार की देरी अब स्वीकार नहीं की जाएगी।”
तुलसी वितरण और पौधारोपण
वन राज्यमंत्री ने नंगली सर्किल पर अलवर जिला व्यापार महासंघ द्वारा आयोजित जगन्नाथ रथयात्रा के उपलक्ष्य में तुलसी वितरण कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने स्वयं आमजन को तुलसी के पौधे वितरित किए और लोगों को इसके औषधीय एवं धार्मिक महत्व से अवगत कराया।
श्री शर्मा ने कहा, “भारतीय संस्कृति में तुलसी को देवी तुल्य माना गया है। ऐसे पौधे न केवल पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी देते हैं। व्यापार महासंघ द्वारा यह प्रयास सराहनीय है।” उन्होंने तुलसी जैसे धार्मिक एवं औषधीय पौधों को घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर उन्होंने पूर्व पार्षद श्री रामजीलाल शर्मा के 92वें जन्मदिवस के अवसर पर सिलीसेढ क्षेत्र में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और लोगों को प्रेरित किया कि जन्मदिवस जैसे व्यक्तिगत आयोजनों को प्रकृति से जोड़ा जाए। मंत्री ने कहा, “ऐसे आयोजन भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय उत्तराधिकार के रूप में एक उपहार हैं।”
रोटरी क्लब के समारोह में की भागीदारी
श्री शर्मा ने अलवर शहर में आयोजित रोटरी क्लब के 46वें स्टोलेशन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने श्रीमती बबीता खण्डेलवाल को क्लब की नई अध्यक्ष बनने पर शुभकामनाएं दीं और क्लब द्वारा सामाजिक, पर्यावरणीय, शिक्षा और सेवा कार्यों की सराहना की।
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “रोटरी क्लब द्वारा किए जा रहे कार्यों – जैसे मूक-बधिरों की सेवा, शिक्षा क्षेत्र में सहयोग, जल संरक्षण और वृक्षारोपण – समाज के लिए अनुकरणीय हैं। ये गतिविधियाँ न केवल सेवा की भावना को दर्शाती हैं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भी मिसाल पेश करती हैं।”
कार्यक्रम में क्लब के पदाधिकारी, शहर के गणमान्य नागरिक, समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
जन सहभागिता और प्रशासनिक संवाद की झलक
इस संपूर्ण दौरे के दौरान मंत्री श्री शर्मा ने यह सुनिश्चित किया कि सभी गतिविधियाँ जनहित को केंद्र में रखकर संचालित हों। उन्होंने कहा कि “सरकार की योजनाएं तभी सफल होंगी जब आमजन, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर कार्य करें।”
इस दौरान उनके साथ डीएफओ अलवर श्री राजेन्द्र सिंह हुड्डा समेत स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, व्यापार संघ प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। श्री शर्मा ने लोगों से अपील की कि पर्यावरण, जल और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और भागीदारी की भावना विकसित करें।
सिलीसेढ झील निरीक्षण
राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने अलवर जिले की सिलीसेढ झील का निरीक्षण कर जल प्रबंधन एवं संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि सिलीसेढ झील का अधिशेष (ओवरफ्लो) जल, जो कि अपर कैनाल के माध्यम से जयसमंद बांध तक पहुँचता है, उसमें किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए।
इसके लिए अपर कैनाल की डिसिल्टिंग (गाद सफाई) को प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि जल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। श्री शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते यह कार्य नहीं हुआ, तो न केवल जल संग्रहण प्रभावित होगा, बल्कि अलवर और आस-पास के क्षेत्रों की जलापूर्ति एवं कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
साथ ही उन्होंने जलदाय विभाग और जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि राज्य बजट में स्वीकृत अलवर पेयजल योजना को तत्काल प्रभाव से क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने इस योजना को अलवर शहर की बढ़ती आबादी की जल आवश्यकताओं के लिए अत्यंत आवश्यक बताते हुए इसकी धीमी प्रगति पर चिंता जताई और स्पष्ट किया कि “पेयजल जैसी बुनियादी जरूरत को लेकर अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मंत्री ने जल संरक्षण को लेकर एक समन्वित कार्य योजना तैयार करने पर भी जोर दिया, जिसमें वन विभाग, जल संसाधन विभाग, नगर निकाय एवं सामाजिक संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने जल संग्रहण, पुनर्भरण (रीचार्ज), कैनालों की समयबद्ध मरम्मत और पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्धार को दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बताया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री शर्मा की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का जीवंत संदेश प्रसारित किया गया। नंगली सर्किल पर आयोजित एक विशिष्ट कार्यक्रम में उन्होंने तुलसी पौधों का वितरण करते हुए कहा कि “भारतीय परंपरा में तुलसी का स्थान केवल धार्मिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने बताया कि तुलसी न केवल वातावरण को शुद्ध करने में सहायक है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में हैं। ऐसे पौधों का वितरण समाज में हरित जागरूकता फैलाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
इसके अलावा उन्होंने पूर्व पार्षद श्री रामजीलाल शर्मा के 92वें जन्मदिवस के अवसर पर सिलीसेढ क्षेत्र में पौधारोपण कर पर्यावरणीय जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया। मंत्री ने कहा कि “प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का सबसे सरल और सशक्त माध्यम वृक्षारोपण है। यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने विशेष अवसरों – जैसे जन्मदिन, विवाह, वर्षगांठ आदि – पर पौधा लगाए, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित विरासत सिद्ध हो सकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण को केवल सरकारी नीतियों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे एक व्यापक सामाजिक आंदोलन के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। जनसहभागिता और सामूहिक उत्तरदायित्व से ही हम पर्यावरणीय संकटों का समाधान निकाल सकते हैं।
अलवर शहर में आयोजित रोटरी क्लब के 46वें स्टोलेशन समारोह में मंत्री श्री शर्मा ने भाग लेते हुए श्रीमती बबीता खण्डेलवाल को क्लब की नई अध्यक्ष बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने क्लब द्वारा शिक्षा, सेवा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
मंत्री ने कहा, “रोटरी क्लब जैसी संस्थाएं समाज की रचनात्मक ऊर्जा को एक सकारात्मक दिशा प्रदान करती हैं। इनका योगदान केवल सेवा कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि ये संगठन सामाजिक चेतना, नागरिक दायित्व और सह-अस्तित्व की भावना को भी पुष्ट करते हैं।”
उन्होंने विशेष रूप से जल संरक्षण, मूक-बधिर जनों की सेवा, महिला सशक्तिकरण, और शैक्षिक सहयोग जैसे कार्यों को सराहनीय बताया और अन्य सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे इसी प्रकार सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें।
श्री शर्मा ने कहा कि सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वे सरकार की योजनाओं को ज़मीन तक पहुँचाने में सहभागी भूमिका निभाएं। उन्होंने सामाजिक सहभागिता को लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए जन-जन तक पहुँचने वाले कार्यक्रमों में भागीदारी को समय की मांग बताया।