Admin Site |09.07.2025|Mission Sindoor|
राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने मंगलवार को अलवर स्थित प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के अंतर्गत 91 प्रतिभावान छात्राओं को स्कूटी की चाबियाँ सौंपीं।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि स्कूटी का वितरण केवल एक साधन नहीं, बल्कि बेटियों के सपनों को गतिशील करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर बेटी को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिले और वह आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा सके।”
बेटियों की सफलता से विकसित भारत का सपना साकार होगा
मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि स्कूटी प्राप्त करने वाली ये सभी बेटियाँ अपने परिश्रम और लगन के बल पर इस सम्मान की हकदार बनी हैं। उन्होंने उपस्थित छात्राओं और अभिभावकों से कहा कि, “आज की ये बेटियाँ भविष्य की नीति निर्धारक, वैज्ञानिक, शिक्षक, डॉक्टर और देश की सेविका बनेंगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का ‘विकसित भारत’ का सपना तभी साकार होगा जब बेटियाँ शिक्षा के हर स्तर पर सहभागी बनें।”
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि श्रीमती वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री कार्यकाल में इस योजना की शुरुआत की गई थी और तब से लेकर अब तक हज़ारों छात्राओं को यह लाभ मिल चुका है। यह योजना न केवल महिला सशक्तिकरण को गति देती है, बल्कि ग्रामीण एवं पिछड़े वर्ग की बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित भी करती है।
महिला शिक्षा को दी जा रही सर्वोच्च प्राथमिकता
मंत्री श्री शर्मा ने समारोह में घोषणा की कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में अलवर शहर में दो नए कन्या महाविद्यालय खोले गए हैं।
उन्होंने विशेष रूप से गौरी देवी कन्या महाविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय में बढ़ती छात्राओं की संख्या को देखते हुए एक नवीन कन्या महाविद्यालय की घोषणा बजट में की गई है, जिसका संचालन वर्तमान में एसएमडी स्कूल परिसर में प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए विज्ञान नगर क्षेत्र में भूमि चिन्हित कर ली गई है, और शीघ्र ही भवन निर्माण कार्य भी आरंभ होगा।
इसके साथ ही कन्या पॉलीटेक्निक महाविद्यालय भी अब पॉलीटेक्निक परिसर में संचालित किया जा रहा है। इसके भवन निर्माण हेतु भी भूमि चिन्हित हो चुकी है और जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा।
उन्होंने एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के प्रयासों से हल्दीना में बालिका सैनिक स्कूल को स्वीकृति मिल चुकी है, जहां भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन भी हो गया है। इससे बेटियाँ न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करेंगी, बल्कि उन्हें भारतीय सेना में सेवाएं देने का अवसर भी मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनसहभागिता का आह्वान
अपने संबोधन में मंत्री श्री शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “आज जब हम बेटियों को शिक्षा और संसाधन दे रहे हैं, उसी समय हमें प्रकृति को भी समान महत्व देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया “एक पौधा मां के नाम” अभियान और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का “हरियालो राजस्थान” अभियान पर्यावरणीय चेतना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में 7.35 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जबकि इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। श्री शर्मा ने कहा कि “इस लक्ष्य की पूर्ति केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, इसके लिए हमें सामाजिक सहभागिता को बढ़ाना होगा।”
साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अलवर शहर में वर्षा जल संरक्षण हेतु 8 जल संरचनाएं बनाई जा रही हैं। इसके लिए वन विभाग से एनओसी प्राप्त हो चुकी है, और शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इन जल संरचनाओं के निर्माण से वर्षा जल का संचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे शहर में भूजल स्तर सुधरेगा।
गौरी देवी महाविद्यालय को मिलेगा नया ऑडिटोरियम
समारोह के दौरान गौरी देवी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मंजू यादव द्वारा ऑडिटोरियम की आवश्यकता संबंधी मांग पर मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि “महाविद्यालय की छात्राओं के बहुआयामी विकास के लिए एक अच्छा ऑडिटोरियम आवश्यक है।”
उन्होंने घोषणा की कि अगले दो वर्षों में महाविद्यालय में एक आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि महाविद्यालय को आवश्यकतानुसार अन्य संसाधन और सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि “एक शिक्षण संस्थान की सफलता केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं होती, बल्कि वहां की सांस्कृतिक, रचनात्मक और नेतृत्व क्षमताओं को भी विकसित करने के लिए समुचित ढांचा आवश्यक है। राज्य सरकार इस दिशा में संकल्पबद्ध है।”
बेटियों के सपनों को मिला नया आयाम
पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित समारोह में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा द्वारा कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना और देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के तहत 91 मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए सुविधाजनक आवागमन उपलब्ध कराना है, जिससे वे अपने शैक्षणिक लक्ष्य को आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के साथ प्राप्त कर सकें।
मंत्री श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह केवल एक स्कूटी नहीं, बल्कि उनके सपनों की उड़ान का साधन है। इस योजना से अब तक हजारों छात्राएं लाभान्वित हो चुकी हैं, विशेष रूप से वे छात्राएं जो दूरदराज के गांवों और पिछड़े इलाकों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन लंबी दूरी तय करती थीं। अब ये स्कूटियाँ उन्हें शिक्षा तक सुगमता से पहुंचने में सहायता करेंगी, जिससे उनकी पढ़ाई में निरंतरता बनी रहेगी और उनके आत्मविश्वास में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
बेटियों के लिए खुले अवसरों के नए द्वार
श्री शर्मा ने अपने वक्तव्य में इस तथ्य को दोहराया कि महिला शिक्षा के बिना विकसित भारत का सपना अधूरा है। राज्य सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। अलवर शहर में पिछले डेढ़ वर्षों में दो नए कन्या महाविद्यालयों की स्थापना की गई है, जिससे शहर की छात्राओं को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा प्राप्त करने का बेहतर अवसर मिला है।
उन्होंने बताया कि गौरी देवी कन्या महाविद्यालय में लगातार बढ़ रही छात्राओं की संख्या को देखते हुए एक नवीन कन्या महाविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया गया है। फिलहाल इसका संचालन एसएमडी स्कूल परिसर में हो रहा है, जबकि इसके स्थायी भवन के लिए विज्ञान नगर क्षेत्र में भूमि चिन्हित की जा चुकी है। शीघ्र ही यहां भवन निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
इसके साथ ही कन्या पॉलीटेक्निक महाविद्यालय का संचालन भी अलवर शहर में प्रारंभ हो चुका है, जो वर्तमान में पॉलीटेक्निक परिसर से चलाया जा रहा है। इसके लिए भी समर्पित भवन निर्माण हेतु स्थान चिन्हित कर लिया गया है। इन संस्थानों से तकनीकी शिक्षा की दिशा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें करियर के नए विकल्प प्राप्त होंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के प्रयासों से हल्दीना क्षेत्र में बालिका सैनिक स्कूल की स्वीकृति भी मिल चुकी है। यह एक ऐतिहासिक कदम है जिससे बेटियों को रक्षा सेवा जैसे प्रतिष्ठित क्षेत्रों में प्रवेश का सशक्त मंच मिलेगा। भूमि आवंटन का कार्य पूरा हो चुका है और भवन निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
हरियालो राजस्थान से हरित क्रांति का आह्वान
राज्य सरकार के “हरियालो राजस्थान” अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वन मंत्री श्री शर्मा ने मंच से प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 7.35 करोड़ पौधे लगाए गए, जबकि इस वर्ष का लक्ष्य 10 करोड़ पौधों का रोपण है। यह अभियान न केवल हरियाली बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने और जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक ठोस पहल भी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “एक पौधा मां के नाम” अभियान की भी सराहना की और कहा कि यह अभियान वृक्षारोपण को भावनात्मक और पारिवारिक स्तर पर जोड़ता है। इसके माध्यम से लोगों को यह अहसास होता है कि एक पौधा लगाना केवल पर्यावरण की सेवा नहीं, बल्कि संवेदना और उत्तरदायित्व का प्रतीक भी है।
इसके साथ ही जल संरक्षण को लेकर भी सरकार संजीदा है। श्री शर्मा ने बताया कि अलवर शहर में 8 नए जल संरचनाएं विकसित की जा रही हैं, जिनके लिए वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) पहले ही जारी कर दिया गया है। इन संरचनाओं के निर्माण से वर्षा जल का संचयन और भूजल पुनर्भरण सुनिश्चित किया जाएगा। इससे शहर को जल संकट से उबारने में मदद मिलेगी और आने वाले वर्षों में जल आत्मनिर्भरता की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ेगा।
महाविद्यालयों में होंगे आधुनिक संसाधन
गौरी देवी कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मंजू यादव द्वारा समारोह के दौरान की गई ऑडिटोरियम निर्माण की मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री श्री शर्मा ने अगले दो वर्षों के भीतर एक भव्य ऑडिटोरियम के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह भवन न केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों बल्कि सेमिनार, वर्कशॉप और नेतृत्व विकास सत्रों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि महाविद्यालय में अन्य आवश्यक संसाधन जैसे पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री और डिजिटल कक्षाएं भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि महाविद्यालयों को केवल डिग्री प्रदायक संस्थान न बनाकर उन्हें ज्ञान और चरित्र निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। इन संसाधनों से छात्राओं को न केवल शिक्षा बल्कि नेतृत्व, नवाचार और रचनात्मकता के लिए भी आवश्यक मंच प्राप्त होगा।