Admin Site |09.07.2025|Mission Sindoor|
गुसांईसर बड़ा (श्रीडूंगरगढ़)। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को बीकानेर जिले के गुसांईसर बड़ा गांव में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल शिविर के अंतर्गत विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रदेश के हर नागरिक को सशक्त एवं समृद्ध बनाना ही हमारी सरकार का सर्वोच्च लक्ष्य है। राज्य सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शिविर सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक सामाजिक क्रांति है, जिससे हजारों परिवारों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत पर चलते हुए राज्य सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा प्रारंभ किया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को शासन की मुख्यधारा में लाना है।
केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार मिलकर राजस्थान में समावेशी विकास को गति दे रही है। “हमारी प्राथमिकता महिलाओं, युवाओं, किसानों और मजदूरों के उत्थान की है। बीते डेढ़ वर्ष में राज्य सरकार ने 69 हजार युवाओं को नौकरी दी है, और 1.88 लाख भर्तियाँ प्रक्रियाधीन हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अवधि में किसी भी परीक्षा में पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई है, जो सरकार की पारदर्शिता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए “लखपति दीदी योजना”, “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना”, “लाड़ो प्रोत्साहन योजना”, “कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना” तथा “मेधावी छात्राओं को साइकिल वितरण योजना” जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।
किसानों के लिए कई योजनाएं, सिंचाई और बिजली पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए “गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना”, “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” और “मूंगफली खरीद” जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है और मूंगफली की खरीद की समयसीमा किसानों की मांग पर बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि जल संकट के समाधान के लिए “रामजल सेतु लिंक परियोजना (ईआरसीपी)” और “यमुना जल समझौता” जैसे दीर्घकालिक उपायों पर तेजी से काम हो रहा है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना और गंगनहर के विस्तार के लिए 4000 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। “हम वर्ष 2027 तक किसानों को दिन के समय में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्पित हैं,” श्री शर्मा ने कहा।
गरीबी मुक्त गांवों की दिशा में मजबूत कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने “पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव योजना” शुरू की है, जिसके अंतर्गत 5000 गांवों को बीपीएल मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 10 हजार गांवों में सर्वे करके गरीब परिवारों को योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना” के अंतर्गत राज्य सरकार ने 51 लाख नए पात्र परिवारों को जोड़ा है। “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी जरूरतमंद योजना से वंचित न रह जाए।”
श्रीडूंगरगढ़ को मिलेगा ट्रोमा सेंटर, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सशक्त
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर की स्थापना की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस ट्रोमा सेंटर की घोषणा तो की थी लेकिन बजट आवंटन नहीं किया था। अब वर्तमान सरकार इसकी स्थापना के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगी।
55 वर्षों पुराने भूमि विवाद का समाधान भी इसी शिविर में
शिविर के दौरान एक और ऐतिहासिक कार्य संपन्न हुआ – गांव में 55 वर्षों से चला आ रहा 73 बीघा भूमि का विवाद आपसी सहमति और प्रशासनिक प्रयासों से समाप्त हुआ। उपखंड अधिकारी, भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी और सरपंच की मध्यस्थता में विवादित भूमि का सहमति से विभाजन हुआ और मौके पर ही राजस्व रिकॉर्ड में उसे दर्ज किया गया। खातेदारों ने मुख्यमंत्री और प्रशासन का आभार प्रकट किया और इस समाधान को “सामाजिक सौहार्द की मिसाल” बताया।
73 बीघा भूमि विवाद का पटाक्षेप
राजस्थान के बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में स्थित गुसांईसर बड़ा गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के दौरान एक ऐतिहासिक भूमि विवाद का समाधान हुआ। यह विवाद पिछले 55 वर्षों से चला आ रहा था और इसमें कई परिवारों की 73 बीघा कृषि भूमि सम्मिलित थी। वर्षों से चले आ रहे इस विवाद के चलते ना तो कोई पक्ष भूमि पर निर्भीकता से खेती कर पा रहा था, और ना ही आपसी संबंधों में सामंजस्य रह गया था। शिविर में सभी पक्षों को बुलाकर दस्तावेजी साक्ष्य एवं रिकॉर्ड्स की जांच-पड़ताल की गई। प्रशासन की पहल, मध्यस्थता और खातेदारों की आपसी सहमति से विवाद का शांतिपूर्ण पटाक्षेप किया गया। यह न केवल शिविर की सफलता का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और ग्रामीण समाधान की दिशा में बड़ा कदम भी है।
प्रशासनिक समन्वय की सफलता
इस लंबे समय से चले आ रहे विवाद को हल करने में प्रशासन की विशेष भूमिका रही। उपखंड अधिकारी के निर्देशन में भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी, ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि और ग्राम सरपंच ने संयुक्त रूप से सभी पक्षकारों को बुलाकर बहुपक्षीय संवाद की प्रक्रिया अपनाई। प्रशासनिक अधिकारियों की तत्परता, निष्पक्षता और संवेदनशीलता ने इस मामले को हल करने में निर्णायक भूमिका निभाई। यह इस बात का भी प्रमाण है कि प्रशासन जब चाहे तो वर्षों पुराने विवादों को भी पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है।
राजस्व रिकॉर्ड में तत्काल प्रविष्टि
समझौते के बाद सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि भूमि विभाजन की सहमति को मौके पर ही राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। शिविर स्थल पर ही नामांतरण, बंटवारा, खसरा संख्या के पुनः निर्धारण जैसे कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण किया गया। इससे खातेदारों को तत्काल राहत मिली और भविष्य में किसी प्रकार के विवाद की संभावना भी समाप्त हो गई। आमतौर पर इस प्रकार की प्रविष्टियों में महीनों लग जाते हैं, लेकिन प्रशासन ने इस शिविर को जनसेवा का अवसर मानते हुए समयबद्ध और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई।
सरकार के प्रयासों की सराहना
खातेदारों एवं ग्रामीणजनों ने इस समाधान के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं राज्य सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रयास से वर्षों से चला आ रहा मानसिक और सामाजिक तनाव अब समाप्त हुआ है। शिविर में प्राप्त समाधान को ग्रामीणों ने “एक दिन में न्याय” की संज्ञा दी और मुख्यमंत्री शिविरों को लोकतंत्र का नया चेहरा बताया, जो आम आदमी की परेशानी को सुनता ही नहीं बल्कि समाधान भी देता है।
सामाजिक सौहार्द की मिसाल
भूमि विवाद जैसे मामलों में अक्सर वैमनस्य, अदालती लड़ाइयाँ और आपसी संबंधों में कड़वाहट देखने को मिलती है, लेकिन इस शिविर के माध्यम से न केवल विवाद समाप्त हुआ, बल्कि वर्षों से संवादहीन रहे परिवारों में संवाद फिर से प्रारंभ हुआ। लोगों ने आपसी सहमति से भूमि का बंटवारा स्वीकार किया और वर्षों पुरानी कटुता को पीछे छोड़कर एकता और सहयोग का नया अध्याय शुरू किया। यह घटना सामाजिक सौहार्द, पंचायत राज व्यवस्था और प्रशासनिक पहल की शक्ति का जीवंत उदाहरण बन गई है।
युवाओं को मिला रोजगार
राज्य सरकार ने डेढ़ वर्ष के अल्प कार्यकाल में 69,000 से अधिक युवाओं को विभिन्न विभागों में रोजगार दिया है। सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया को पारदर्शी, तकनीकी और समयबद्ध बनाकर सरकार ने युवाओं के बीच भरोसा स्थापित किया है।
लाख भर्तियाँ प्रक्रियाधीन
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्तमान में 1 लाख 88 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इससे आने वाले महीनों में और अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत होगी।
पेपरलीक पर पूर्ण अंकुश
श्री शर्मा ने जोर देकर कहा कि उनके शासनकाल में अब तक किसी भी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की घटना सामने नहीं आई है। यह राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और पारदर्शी प्रणाली का परिणाम है, जिससे युवाओं में विश्वास बढ़ा है।
गेहूं समर्थन मूल्य में वृद्धि
किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। इससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को विशेष लाभ मिलेगा और वे बाजार के अस्थिर मूल्य से सुरक्षित रहेंगे।
करोड़ रुपये की परियोजनाएं
इंदिरा गांधी नहर परियोजना और गंगनहर के विस्तार व रखरखाव के लिए राज्य सरकार ने 4000 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इससे पश्चिमी राजस्थान के हजारों किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मिलेगी और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर की स्थापना
मुख्यमंत्री ने श्रीडूंगरगढ़ में ट्रोमा सेंटर की स्थापना की घोषणा की और कहा कि इसके लिए बजट एवं संसाधन शीघ्र ही उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे पूरे बीकानेर संभाग को आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं का बड़ा लाभ मिलेगा।
खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 51 लाख नए पात्र परिवारों को जोड़ा है, जिससे उन्हें सस्ती दरों पर राशन मिलना सुनिश्चित हुआ है। यह खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है।
गांवों को बीपीएल मुक्त करने का लक्ष्य
“पंडित दीनदयाल गरीबी मुक्त गांव योजना” के अंतर्गत राज्य सरकार ने पहले चरण में 5000 गांवों को बीपीएल श्रेणी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही 10 हजार गांवों में सर्वे चल रहा है, जिससे गरीब परिवारों को योजनाओं से जोड़ा जा सके।
समारोह में उपस्थित प्रमुख गणमान्यजन
इस विशाल समारोह में प्रदेश के कई मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम की गरिमा और प्रभाव को और भी बढ़ाया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्व निम्नलिखित हैं:
श्री सुमित गोदारा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री
श्री रामगोपाल सुथार, अध्यक्ष, विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड
श्री राजेन्द्र राठौड़, पूर्व नेता प्रतिपक्ष
विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, बीकानेर पूर्व
विधायक श्री ताराचंद सारस्वत, श्रीडूंगरगढ़
विधायक श्री विश्वनाथ मेघवाल, खाजूवाला
श्री अंशुमान सिंह भाटी, जसमेर
जिले एवं उपखंड के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण
ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि, सरपंच, जनसामान्य और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन