प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित विशेष रात्रिभोज के दौरान अयोध्या के राम मंदिर की भव्य प्रतिकृति, सरयू नदी और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल उन्हें भेंट किया। यह क्षण दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक बन गया।
पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मैंने राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू नदी का पवित्र जल और महाकुंभ का जल भेंट किया। ये भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं।”
पीएम मोदी के शब्दों में भारतीय मूल के लोगों की विरासत को सम्मान देने की झलक दिखी। उन्होंने बताया कि रात्रिभोज में भोजन पारंपरिक सोहारी के पत्ते पर परोसा गया, जो त्रिनिदाद और टोबैगो में विशेष महत्व रखता है। खासकर भारतीय मूल के लोगों के बीच यह पत्ता त्योहारों और विशेष आयोजनों पर भोजन परोसने के लिए प्रयोग किया जाता है।
इस विशेष रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राणा मोहिप से भी मुलाकात की, जिन्होंने भारत में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर ‘वैष्णव जन तो’ भजन प्रस्तुत किया था। मोदी ने उनकी कला और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि यह भारतीय संगीत की शक्ति का प्रतीक है जो विश्वभर में भारतीयता को जीवित रखे हुए है।
इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर विशेष बल दिया। उन्होंने पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित भोजपुरी चौताल प्रदर्शन में भाग लिया और अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच का संबंध अद्भुत है।”
प्रधानमंत्री के आगमन पर त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारी उत्साह देखा गया। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की थाप पर स्थानीय लोग झूमते नजर आए। कार्यक्रम में भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कैरिबियाई संगीत और पारंपरिक रामलीला की झलक ने वहां की रात को सांस्कृतिक संगम में बदल दिया।
यह यात्रा भारत की कैरिबियाई देशों के साथ बढ़ती कूटनीतिक और सांस्कृतिक निकटता को दर्शाती है। आठ महीनों में यह प्रधानमंत्री मोदी की कैरिबियाई क्षेत्र की दूसरी यात्रा है। इससे पहले नवंबर 2024 में उन्होंने गुयाना का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की थी।
गुयाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो जैसे कैरिबियाई देश भारतीय प्रवासियों की विरासत को संजोकर रखते हैं। लगभग डेढ़ सौ वर्षों पहले गिरमिटिया मजदूरों के रूप में पहुंचे भारतीयों की संस्कृति अब इन देशों की आत्मा का हिस्सा बन चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी की त्रिनिदाद यात्रा के मुख्य बिंदु
राम मंदिर की प्रतिकृति और पवित्र जल की भेंट
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की भव्य प्रतिकृति भेंट की। इसके साथ ही उन्होंने सरयू नदी और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल भी सौंपा। यह सौगात न केवल भारत की आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक थी, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाने वाला महत्वपूर्ण कदम भी।
पारंपरिक भोज – सोहारी पत्ते पर आत्मीयता का स्वाद
इस ऐतिहासिक रात्रिभोज में भोजन पारंपरिक सोहारी के पत्ते पर परोसा गया। यह परंपरा त्रिनिदाद में विशेष आयोजनों और त्योहारों के दौरान निभाई जाती है, खासकर भारतीय मूल के लोगों के बीच। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परंपरा को अपनाकर स्थानीय संस्कृति के प्रति सम्मान और आत्मीयता प्रकट की।
राणा मोहिप से मुलाकात – संगीत से जुड़ी भारतीय आत्मा
रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात राणा मोहिप से हुई, जिन्होंने भारत में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर ‘वैष्णव जन तो’ भजन गाया था। इस मुलाकात में भारतीय संगीत और प्रवासी समाज के योगदान पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने राणा मोहिप की प्रतिभा और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
भोजपुरी चौताल का आनंद – पूर्वी भारत की लोकधुनों की गूंज
पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित भोजपुरी चौताल के पारंपरिक लोक प्रदर्शन को देखकर प्रधानमंत्री मोदी गदगद हो उठे। उन्होंने इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सांस्कृतिक मूल्यों की जीवंत प्रस्तुति बताते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया। यह प्रस्तुति भारत से हजारों किलोमीटर दूर बसे समुदाय में जड़ों से जुड़े रहने की भावना को दर्शाती है।
सोशल मीडिया पर सतत संवाद और उत्साह
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी त्रिनिदाद यात्रा के हर विशेष क्षण को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया। उन्होंने जनता से सीधे संवाद कायम किया, जिससे भारत और त्रिनिदाद दोनों जगहों पर उनकी यात्रा को लेकर उत्साह और जुड़ाव बढ़ा। हर पोस्ट में संस्कृति, परंपरा और सम्मान की भावना स्पष्ट झलकती रही।
भारतीय मूल के लोगों से संवाद – दिलों को जोड़ने की पहल
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो में बसे भारतीय मूल के लोगों से विशेष संवाद किया। उन्होंने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि गिरमिटिया श्रमिकों की संतानें आज इन देशों की रीढ़ बन चुकी हैं और वे भारत के आत्मिक विस्तार का सजीव प्रमाण हैं। मोदी ने उन्हें भारत से जुड़ाव बनाए रखने का आह्वान भी किया।
इस यात्रा से भारत की ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना और अधिक स्पष्ट होती है। कैरिबियाई देशों में भारत की सांस्कृतिक कूटनीति अब केवल सरकारों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह जनसंपर्क और सांस्कृतिक सहयोग के नए आयाम खोल रही है।
भविष्य की दिशा में बढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत कैरिबियाई देशों के साथ आर्थिक, तकनीकी, शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग को और गहराई देने का इच्छुक है। उन्होंने भारत के ‘ग्लोबल साउथ’ में नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित करते हुए द्विपक्षीय समझौतों पर भी संकेत दिया।
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