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भारत-अर्जेंटीना संबंधों में नई ऊर्जा पीएम मोदी और राष्ट्रपति माइली की बैठक में ऊर्जा, खनिज और स्वास्थ्य क्षेत्र में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ एक उच्चस्तरीय द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें ऊर्जा, खनिज संसाधन और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में सहयोग को लेकर गहन चर्चा की गई। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को रेखांकित करते हुए अर्जेंटीना को एक “विश्वसनीय भागीदार” करार दिया।


विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि इस बैठक का मुख्य फोकस भारत की हरित ऊर्जा संक्रमण (Clean Energy Transition) और औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति पर रहा। उन्होंने बताया, “अर्जेंटीना में लिथियम, तांबा और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Elements) का विशाल भंडार है, जो भारत की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।”


कुमारन ने यह भी बताया कि अर्जेंटीना के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडार और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार है। इससे यह भारत के लिए न केवल खनिज, बल्कि पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का भी एक प्रमुख साझेदार बन सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने ऊर्जा आपूर्ति, निवेश, और प्रौद्योगिकी साझेदारी के क्षेत्रों में ठोस समझौते विकसित करने की दिशा में शुरुआती सहमति जताई है।


प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखते हुए यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य न केवल स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ना है, बल्कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यह परिवर्तन टिकाऊ और समावेशी हो। उन्होंने सुझाव दिया कि अर्जेंटीना भारत के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर लिथियम व अन्य खनिज संसाधनों के दोहन में संयुक्त उपक्रमों की दिशा में कार्य करे।


मोदी और माइली के बीच यह बैठक कई स्तरों पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जहां भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपने स्थान को मजबूत कर रहा है, वहीं अर्जेंटीना जैसी संसाधन-समृद्ध अर्थव्यवस्थाएं भारत को स्थायी साझेदारी का अवसर प्रदान कर रही हैं। बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन, वैश्विक दक्षिण सहयोग और बहुपक्षीय संगठनों में सुधार जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।


बैठक में स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना से आग्रह किया कि वह भारत को “Annexe II” से “Annexe I” में स्थानांतरित करे, जिससे भारतीय दवाओं को अर्जेंटीना के बाजार में प्रवेश प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल हो जाए।


गौरतलब है कि अर्जेंटीना की फार्मास्यूटिकल नियामक प्रणाली में Annexe I देशों को अनुमोदन में प्राथमिकता दी जाती है, जबकि Annexe II देशों को अपेक्षाकृत जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है।


पी. कुमारन ने बताया कि “यह परिवर्तन अर्जेंटीना के नागरिकों के लिए जीवनरक्षक और किफायती दवाओं की पहुंच आसान बनाएगा और साथ ही देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की लागत में भी भारी कमी आएगी।” उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियाँ विश्वसनीय और सस्ती दवाएं निर्मित करती हैं, और अर्जेंटीना को इससे व्यापक लाभ होगा।


भारत की ओर से सुझाव के उत्तर में अर्जेंटीना ने बताया कि भारतीय दवाओं के लिए फास्ट-ट्रैक अनुमोदन प्रक्रिया उपलब्ध है, जो कि निकट भविष्य में और अधिक सुगम बनाई जाएगी। अर्जेंटीना सरकार ने यह भी संकेत दिया कि वे भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियों को स्थानीय साझेदारियों के माध्यम से उत्पादन और वितरण में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेंगे।


दोनों देशों ने यह भी स्वीकार किया कि स्वास्थ्य सहयोग केवल व्यापारिक हित तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें वैज्ञानिक अनुसंधान, वेक्सीन साझेदारी, और स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा।


मोदी ने कहा कि भारत कोविड महामारी के समय से “फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड” की भूमिका निभा रहा है, और यह संबंध अब गहराई में जाएंगे।

बैठक में व्यापार, निवेश, कृषि, अंतरिक्ष, और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अर्जेंटीना के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और Watching संस्थानों के बीच छात्र और वैज्ञानिकों का आदान-प्रदान बढ़ाया जाए।


पीएम मोदी का यह दौरा पांच देशों की यात्रा का हिस्सा है। वे पहले ही घाना और त्रिनिदाद व टोबैगो की सफल यात्रा कर चुके हैं। अर्जेंटीना के बाद वे ब्राज़ील में होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, और फिर नामीबिया की यात्रा पर जाएंगे।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह संपूर्ण दौरा भारत की दक्षिण वैश्विक नीति के तहत रणनीतिक सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।


भारत और अर्जेंटीना ने ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक और ठोस साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। अर्जेंटीना के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडार और चौथा सबसे बड़ा शेल ऑयल भंडार है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति माइली ने संयुक्त परियोजनाओं और ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों पर सहमति जताई, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बल मिलेगा और अर्जेंटीना को निवेश और तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा।


हरित ऊर्जा की दिशा में भारत की यात्रा को रफ्तार देने के लिए लिथियम, तांबा और रियर अर्थ एलिमेंट्स (REEs) जैसे खनिजों की अहम भूमिका है। अर्जेंटीना, जो कि लिथियम त्रिकोण (Lithium Triangle) का एक हिस्सा है, अब भारत के साथ मिलकर इन महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण और दोहन में संयुक्त निवेश करेगा। यह सहयोग बैटरी निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहनों, और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को सशक्त बनाएगा।


भारत ने अर्जेंटीना से आग्रह किया कि वह भारतीय दवाओं को Annexe I श्रेणी में शामिल करे, जिससे बाजार में प्रवेश की प्रक्रिया सरल और शीघ्र हो सके। अर्जेंटीना ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय दवाओं को फास्ट-ट्रैक अनुमोदन की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है और इसमें और सुधार किया जाएगा। इससे अर्जेंटीना के नागरिकों को किफायती और गुणवत्तापूर्ण जीवनरक्षक दवाओं की बेहतर पहुंच मिलेगी।


स्वास्थ्य क्षेत्र में दोनों देशों ने वैज्ञानिक अनुसंधान, टीका साझेदारी, और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की सहमति जताई है। भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता और अर्जेंटीना की अनुसंधान सुविधाएं मिलकर संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए प्रभावशाली मॉडल प्रस्तुत कर सकती हैं। डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली में भारत की “आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन” जैसी पहलें, अर्जेंटीना में भी लागू की जा सकती हैं।


प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति माइली के बीच बातचीत में यह तय किया गया कि छात्रों, वैज्ञानिकों और शिक्षकों के लिए शैक्षणिक विनिमय कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के बीच संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, फेलोशिप और डिग्री मान्यता पर भी काम होगा। इससे भारत-अर्जेंटीना संबंध विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।


दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए व्यापार प्रक्रियाओं को सरल, शुल्क बाधाओं को न्यूनतम, और नई उत्पाद श्रेणियों को शामिल करने पर चर्चा की। भारत और अर्जेंटीना के बीच वर्तमान में सोया ऑयल, पेट्रोकेमिकल्स, मशीनरी, और दवा जैसे उत्पादों का व्यापार होता है। अब खनिज, तकनीकी सेवाएं, फार्मा और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्ट्स जैसे नए क्षेत्र इस व्यापार को और विस्तारित करेंगे।


भारत और अर्जेंटीना के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का इतिहास पुराना है, लेकिन इसे अब और अधिक संस्थागत रूप देने का निर्णय हुआ है। दोनों देशों ने अपने-अपने शहरों में सांस्कृतिक केंद्र खोलने पर सहमति जताई है। इसके अलावा योग, आयुर्वेद, भारतीय फिल्म महोत्सव, और अर्जेंटीना की लोक कलाओं को एक-दूसरे के देश में लोकप्रिय बनाने की पहल की जाएगी।

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