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कोच्चि में भारतीय नौसेना द्वारा 02 और 03 जुलाई 2025 को आयोजित की गई वार्षिक सुरक्षा समीक्षा 2025, नौसेना की सभी कमानों, अंडमान एवं निकोबार कमान, और सुरक्षा वर्ग के अधिकारियों के बीच सुरक्षा तंत्र को अधिक सुदृढ़ और विश्वसनीय बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई एक उच्चस्तरीय बैठक थी।
इस आठवें संस्करण में फिजिकल और ऑनलाइन दोनों माध्यमों में अधिकारी शामिल हुए, जिससे व्यापक सहभागिता और त्वरित जानकारी आदान‑प्रदान संभव हुआ।
बैठक की शुरुआत दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग‑इन‑चीफ वाइस एडमिरल वी. एडम. वी. श्रीनिवास के मुख्य भाषण के साथ हुई। दो दिवसीय कार्यक्रम की आगे की कार्यवाही की अध्यक्षता उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन ने की, जो नौसेना की सुरक्षा समिति के भी अध्यक्ष हैं।
आयोजन ढांचा और उद्देश्य
वार्षिक सुरक्षा समीक्षा (Annual Security Review) का यह आठवां संस्करण था, जिसे सुरक्षा संचालन, नवाचार और जोखिम प्रबंधन की समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
बैठक में नौसेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, सभी क्षेत्रीय कमान‑मुख्यालयों, अंडमान एवं निकोबार कमान, और रक्षा विज्ञान एवं तकनीक विशेषज्ञ शामिल थे।
इस आयोजन का उद्देश्य नौसेना के परिचालन एवं कार्यात्मक सुरक्षा पहलुओं का विश्लेषण, सुधार तथा भविष्य की रणनीति तैयार करना रहा।
हाइब्रिड मोड से हुई व्यापक सहभागिता
नई प्रवृत्ति के अनुसार इस वर्ष की समीक्षा हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में आयोजित की गई, जिससे क्षेत्रीय कमान, दूरस्थ अड्डे और मुख्यालयों को एक साथ जोड़ने में सफलता मिली।
ऑनलाइन संयोजन के माध्यम से अधिकारी-प्रशिक्षक, सुरक्षा विशेषज्ञ और वैज्ञानिक कहीं से भी सहभागी हो सके, जबकि ऑफलाइन सहभागिता कार्यक्रम को स्थानीय स्तर पर भी जीवंत बनाए रखी।
इस मिश्रित प्रारूप ने ज़रूरत पड़ने पर त्वरित निर्णय और विज्ञप्ति जारी करने की सुविधा भी प्रदान की।
उद्घाटन और आगे की कार्यवाही
दक्षिणी नौसेना कमान के प्रमुख फ्लैग ऑफिसर एडमिरल वी.एडम. वी. श्रीनिवास ने उद्घाटन सत्र में कहा कि “आज का सुरक्षा परिवेश चुनौतीपूर्ण है; इसलिए नवाचार, जोखिम प्रबंधन और संचालक प्रणाली को और मजबूत बनाना जरूरी है।”
उन्होंने कार्यान्वयन और जोखिम नियंत्रण पर विशेष रूप से विचार करते हुए कहा कि सुरक्षा हर अधिकारी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यवाही की अगली परत की अध्यक्षता उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन ने की, जिन्होंने सुरक्षा समिति के दृष्टिकोण और भविष्य की रूपरेखा पर विस्तृत प्रकाश डाला।
सुरक्षा वातावरण सशक्त करने के लिए चर्चा
बैठक में प्रत्येक कमान, अंडमान और निकोबार कमान, और सुरक्षा वर्ग ने अपनाई जा रही सुरक्षा पहलों और जोखिम प्रबंधन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
प्रस्तुतियों में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया:
प्रशिक्षण और ड्रिल प्रक्रियाओं में वास्तविकतापरक दृष्टिकोण
समुद्री और बंदरगाह सुरक्षा में नवाचार
साइबर-सुरक्षा और डेटा शील्डिंग
कार्यप्रणाली और उपकरणों के रखरखाव में सुधार
सामरिक सूचना साझा करने की बहु-लेयर संरचना
इन परिभाषित विषयों पर समूह चर्चा में तकनीकी विशेषज्ञों, सुरक्षा अफसरों और क्षेत्रों से जुड़ी सूचनाएं साझा हुईं।
STAT एप्लिकेशन
रक्षा नवाचार के क्षेत्र में सम्मेलन का सबसे बड़ा आकर्षण था:
इंडियन नेवी सिक्योरिटी टास्क फोर्स (INST) कोच्चि और
भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भूसूचना विज्ञान संस्थान (BISAG-N)
द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया “Safety Trend Analysis Tool (STAT)” नामक एप्लिकेशन।
यह नया उपाय नौसेना सुरक्षा टीमों को ट्रेंड और पैटर्न विश्लेषण की शक्ति प्रदान करेगा
रियल–टाइम डेटा संग्रह सुरक्षात्मक घटनाओं का
पूर्वानुमानित खतरा विश्लेषण पिछले और मौजूदा डाटा शैली में
GIS आधारित विश्लेषण के साथ दृश्य अंतर्दृष्टि
अलर्टिंग मैकेनिज्म जोखिम संबंधी चेतावनी एवं सुझाव
यह उपकरण सुरक्षा निगरानी को अधिक स्मार्ट, त्वरित और डेटा‑निष्पादित बनाएगा।
सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन पहल: संग्रह जारी
मौक़े पर ही नौसेना द्वारा ”Security & Risk Management Initiatives” का विस्तृत संग्रह जारी किया गया, जिसमें शामिल थे:
कार्य प्रणाली मानकों में नवीनतम संस्करण
ड्रोन निगरानी सिस्टम का परीक्षण
बायो‑सेंसर्स का परिचालन
साइबर सुरक्षा SOP
बंदरगाह सुरक्षा को मजबूत करने वाली प्रक्रियाएं
सभी कमानों के तत्वावधान की गई साझा पहल और प्रगति को संकलित रूप में प्रस्तुत किया गया।
अंडमान–निकॉबार और तीनों सेनाओं की सहभागिता
विशेष रूप से अंडमान एवं निकोबार कमान, वायुसेना और थलसेना सुरक्षा अधिकारियों ने बहु-डोमेन सुरक्षा चुनौती चर्चा में योगदान दिया:
सशस्त्र बलों के बीच सारथि सूचना नेटवर्क मॉडल
द्वितीयक उत्पीड़न और साइबर हमलों का मूल्यांकन
द्वीप संरचना पर सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता
वायु-जल-थल नियंत्रण और गति का समन्वय
इस सूचीबद्ध परिप्रेक्ष्य ने सभी कमानों के बीच आज के सुरक्षा माहौल में मजबूत सामंजस्य की आवश्यकता को उजागर किया।
प्रमुख सुरक्षा चुनौतियाँ
समीक्षा के दौरान प्रमुख चुनौतियाँ जिन पर चर्चा की गईं:
उन्नत साइबर हमले
बंदरगाहों में आतंकवादी गतिविधियाँ
खुफिया जानकारी में सेंध और डेटा रैकेट
समयगत परिवर्तन (climatic) और समुद्री गतिविधि योजना
UAV (ड्रोन)–आधारित खुफिया और निगरानी हेतु नीतिगत दिशानिर्देश
इन चुनौतियों पर चर्चा ने निर्देशित किया कि सुरक्षा-योजना बहु-स्तरीय और साझा दृष्टांत पर आधारित हो।
संचालन सुरक्षा और प्रशिक्षण पर सुझाव
सुरक्षा समीक्षा में दर्ज की गई महत्वपूर्ण सिफारिशें:
संवैधानिक प्रशिक्षण मॉड्यूल और नियमित ड्रिल
मल्टी-सेंसर डेटा इंटीग्रेशन और अलर्ट मैकेनिज्म
डॉक एंड बंदरगाह सुरक्षा तंत्र में ड्रोन स्कैनिंग यूनिट
अनुपालन हेतु ऑडिटिंग सिस्टम और रैंडम चेक
डेटा सुरक्षा अपग्रेड, खासकर सुरक्षा क्षेत्रों में
इन सुझावों को सहमति प्राप्त हुई और कार्यान्वयन हेतु कार्ययोजना पर सहमति बन गई।
वर्तमान कार्यान्वयन और भविष्य की रूपरेखा
STAT उपकरण के परीक्षण संस्करण को तीन कमानों में लागू करने के निर्देश दिए गए
गहन वितरित वर्कशॉप और साझा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए MoU तय
अगली समीक्षा से पहले फैक्टशीट प्लैटफॉर्म पर डेटा साझा करने पर विस्तृत SOP जारी करने का निर्णय लिया गया
लंबी अवधि में भारत–मालद्वीप तथा श्रीलंका जैसे सहयोगी राष्ट्रों को सुरक्षा उपकरण साझा करने की योजना प्रस्तावित की गई
STAT नौसेना के लिए डेटा-संचालित सुरक्षा
इस कार्यक्रम का सबसे प्रमुख नवाचार था—Safety Trend Analysis Tool (STAT) का लॉन्च, जिसे INST कोच्चि और BISAG-N ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
यह एप्लिकेशन रियल-टाइम घटनाओं के विश्लेषण, सुरक्षा रुझानों की पहचान, और पूर्वानुमान आधारित निर्णय प्रणाली को सशक्त करता है। यह टूल नौसेना की सभी कमानों को सुरक्षा डेटा के विश्लेषण में एकीकृत और स्मार्ट समाधान प्रदान करेगा।
लाइव इवेंट डेटा रिकॉर्डिंग
GIS आधारित ट्रेंड एनालिसिस
स्वचालित अलर्ट जनरेशन
क्लाउड आधारित रिपोर्टिंग इंटरफ़ेस
जोखिम प्रबंधन
सम्मेलन के दौरान नौसेना में हाल के वर्षों में लागू सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन पहलों का एक संग्रह भी जारी किया गया।
इसमें शामिल हैं:
सुरक्षा अभ्यासों की रूपरेखा
बंदरगाह और जहाज़ी निगरानी की नई प्रणाली
साइबर सुरक्षा मानकों का अद्यतन
खतरे की पहचान और सूचना साझा करने की SOPs
सभी कमानों का सक्रिय योगदान
इस उच्चस्तरीय समीक्षा में भारतीय नौसेना की सभी कमानें, विशेषकर अंडमान–निकोबार कमान, और सुरक्षा वर्ग अधिकारी शामिल हुए।
इन अधिकारियों ने क्षेत्रीय चुनौतियों, नए खतरे, और उपलब्ध संसाधनों के संदर्भ में सुरक्षा कार्यप्रणाली और संचालनात्मक अनुभव साझा किए।
विशेष पैनलों में उभरते खतरों जैसे:
साइबर हमले,
ड्रोन-आधारित जासूसी,
डेटा लीक, और
बंदरगाह अवसंरचना पर हमलों
पर विस्तार से चर्चा हुई।
रणनीतिक निर्णय
समीक्षा के दौरान नौसेना की सुरक्षा रणनीति को सशक्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख सिफारिशें पारित की गईं:
अनिवार्य सुरक्षा प्रशिक्षण मॉड्यूल का हर कमान में क्रियान्वयन
डेटा-साझाकरण संरचना का केंद्रीयकरण और नियंत्रण
मल्टी-सेंसर निगरानी नेटवर्क की स्थापना
इंडस्ट्री-अकादमिया सहयोग हेतु MoU बढ़ाने की नीति
डिजिटल ऑडिटिंग प्रणाली और फील्ड आधारित निगरानी
STAT का विस्तार
समीक्षा में लिए गए निर्णयों के अनुसार, STAT टूल का पायलट प्रोजेक्ट आगामी 6 महीनों में चार प्रमुख नौसैनिक कमानों में लागू किया जाएगा।
साथ ही, भारत–श्रीलंका–मालदीव जैसे मित्र देशों के साथ समुद्री सुरक्षा सहयोग को भी विस्तार देने की योजना तैयार की गई है।
वाइस एडमिरल के. स्वामीनाथन ने कहा:
“आज का समुद्री सुरक्षा परिदृश्य सिर्फ बाहरी खतरे नहीं, बल्कि तकनीकी कमियों और डेटा लीक की चुनौती से भी घिरा है। हमें 360° रणनीति अपनानी होगी—जहाँ नवाचार, समन्वय और दक्षता एकसाथ हों।”