Admn Site|04.07.2025| PM Modi| Internation|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए एक ऐतिहासिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब भारतीय मूल की छठी पीढ़ी के नागरिकों को भी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड दिया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि वे बिना किसी वीज़ा या विशेष अनुमति के भारत में रह सकते हैं, काम कर सकते हैं और अध्ययन कर सकते हैं। प्रधानमंत्री की इस घोषणा को वहाँ बसे भारतीय मूल के लोगों ने न सिर्फ गर्मजोशी से स्वीकार किया, बल्कि वर्षों पुरानी एक माँग के पूरे होने के रूप में देखा।
यह निर्णय भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए एक मील का पत्थर है, जो त्रिनिदाद जैसे देशों में अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने के साथ-साथ भारत से कानूनी और भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखना चाहते हैं।
भारतीय समुदाय के इस विशेष आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को अपनाने के लिए बधाई दी और कहा कि यह केवल तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच डिजिटल सहयोग की एक नई शुरुआत है।
उन्होंने कहा, “UPI को अपनाने से यहां की जनता को लाभ मिलेगा ही, साथ ही भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को भी वैश्विक पहचान मिलेगी।”
अब त्रिनिदाद एंड टोबैगो कैरेबियन क्षेत्र का पहला देश बन गया है, जिसने भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाया है। इससे न केवल वहां के लोगों को कैशलेस भुगतान की सुविधा मिलेगी, बल्कि भारत-त्रिनिदाद आर्थिक संबंधों को भी बल मिलेगा।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर ने इस ऐतिहासिक यात्रा को और भी खास बना दिया, जब उन्होंने यह घोषणा की कि प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘द ऑर्डर ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ प्रदान किया जाएगा।
बिसेसर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और भारतीय मूल के लोगों के लिए उनके समर्पण ने हमें यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।”
यह सम्मान भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच गहराते कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक मंचों पर भारत की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो दिवसीय त्रिनिदाद यात्रा के दौरान राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू और प्रधानमंत्री बिसेसर के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वे त्रिनिदाद की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।
उनके स्वागत में पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय समुदाय ने पारंपरिक गीत-संगीत, सांस्कृतिक झांकियों और उत्सव के माहौल के साथ भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, जो इस यात्रा की गरिमा को दर्शाता है।
OCI कार्ड
ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड (OCI) भारत सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक विशेष कार्ड है, जो प्रवासी भारतीयों को भारत में कई अधिकार प्रदान करता है।
वीज़ा-मुक्त यात्रा
भारत में स्थायी निवास की अनुमति
बिना किसी प्रतिबंध के शिक्षा और रोज़गार
संपत्ति खरीदने का अधिकार
अब तक यह सुविधा चौथी पीढ़ी तक सीमित थी। प्रधानमंत्री मोदी की नई घोषणा के बाद यह छठी पीढ़ी तक विस्तारित हो गई है, जिससे प्रवासी भारतीय समुदाय का भारत से संबंध और अधिक मज़बूत होगा।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो में भारतीय मूल के लोग: एक जीवंत विरासत
इतिहास
सन् 1845 में पहला भारतीय जहाज ‘फ़ातेल रज़ाक’ त्रिनिदाद पहुँचा था, जिसमें गन्ना खेतों में काम करने वाले मजदूर सवार थे। वे ब्रिटिश उपनिवेशवाद के तहत गिरमिटिया मज़दूर के रूप में लाए गए थे।
वर्तमान
आज त्रिनिदाद की कुल जनसंख्या का लगभग 37% हिस्सा भारतीय मूल के लोगों का है। यह समुदाय राजनीति, अर्थव्यवस्था, मीडिया और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
संस्कृति
दिवाली, होली, रामलीला, भारतीय शास्त्रीय संगीत, और भोजन जैसे तत्व इस समुदाय को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “यह समुदाय भारत की आत्मा को दूर देश में जीवित रखे हुए है।”
भारत की तकनीक
भारत द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब वैश्विक विस्तार की दिशा में एक ठोस कदम रख चुका है।
रीयल टाइम भुगतान: कुछ ही सेकंड में पैसा ट्रांसफर
QR कोड आधारित भुगतान: मोबाइल ऐप से आसानी
कम शुल्क: न्यूनतम ट्रांज़ैक्शन लागत
सुरक्षा: मजबूत साइबर संरचना
त्रिनिदाद जैसे देश में UPI की उपलब्धता से भारतीय पर्यटक, व्यापारी और वहाँ के निवासी डिजिटल भुगतान में आसानी अनुभव कर सकेंगे। यह भारत की तकनीकी क्षमता की एक वैश्विक मुहर है।
द ऑर्डर ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो से होंगे नवाज़े
प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान त्रिनिदाद सरकार द्वारा उनके वैश्विक योगदान और प्रवासी समुदाय के लिए उनके कार्यों के लिए दिया जा रहा है।
सम्मान के पीछे कारण:
प्रवासी भारतीयों के हितों का संरक्षण
डिजिटल और कूटनीतिक नवाचार
भारत-त्रिनिदाद संबंधों का सुदृढ़ीकरण
यह सम्मान भारत की प्रतिष्ठा और प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को मान्यता देता है।
एक्ट वेस्ट नीति की दिशा में ठोस कदम
भारत की विदेश नीति में “एक्ट वेस्ट” रणनीति के तहत यह यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब तक भारत का फोकस पूर्व एशिया और इंडो-पैसिफिक पर रहा, लेकिन अब कैरेबियाई और लैटिन अमेरिकी देशों के साथ भी संबंध प्रगाढ़ किए जा रहे हैं।
व्यापार और निवेश के अवसर
डिजिटल सहयोग (जैसे UPI)
सांस्कृतिक कूटनीति और प्रवासी नीति
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन और रणनीतिक साझेदारी
भारत पहले ही मॉरीशस, सूरीनाम और गुयाना में मजबूत डिजिटल उपस्थिति बना चुका है। अब त्रिनिदाद में UPI और OCI जैसी पहलों के जरिए भारत की सॉफ्ट पावर और अधिक प्रभावी हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया है कि अब भारतीय मूल के छठी पीढ़ी तक के नागरिक भी ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड के लिए पात्र होंगे।
अब तक यह सुविधा केवल चौथी पीढ़ी तक सीमित थी, जिससे कई भारतीय मूल के नागरिक भारत के साथ औपचारिक रूप से जुड़ नहीं पा रहे थे
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यह कदम भारत से बिछड़े समुदायों को फिर से जोड़ने का माध्यम बनेगा। यह केवल दस्तावेज़ी सुविधा नहीं, बल्कि भावनात्मक पुनर्स्थापना है।”
भारत की तकनीक UPI का इंटरनेशनल रोलआउट
प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने आधिकारिक रूप से UPI सिस्टम को अपनाया, जिससे वह ऐसा करने वाला कैरेबियाई क्षेत्र का पहला देश बन गया। अब भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही ब्राजील, केन्या और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देशों में भी UPI का विस्तार किया जाएगा।
भारतीय नागरिकों और प्रवासियों को विदेशों में भुगतान में आसानी होगी।
पर्यटन, व्यापार, और शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।
आर्थिक कूटनीति का नया अध्याय खुलेगा, जिसमें भारत टेक्नोलॉजी निर्यातक की भूमिका निभाएगा।
सहयोग की प्रक्रिया
UPI के अंतरराष्ट्रीय रोलआउट के लिए NPCI International Payments Limited (NIPL) स्थानीय बैंकों और सेंट्रल बैंकों के साथ साझेदारी कर रहा है।
ब्राजील और केन्या में पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू हो चुके हैं और UAE के साथ MoU पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।
प्रवासी नीति में क्रांतिकारी बदलाव: बनेगी उच्च स्तरीय टास्क फोर्स
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की है कि प्रवासी भारतीयों से जुड़े मामलों को और अधिक सशक्त व सुव्यवस्थित रूप देने के लिए सरकार एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर रही है।
प्रवासी भारतीयों की जरूरतों और शिकायतों की समीक्षा
नीति निर्माण में प्रत्यक्ष भागीदारी सुनिश्चित करना
शिक्षा, व्यापार, संस्कृति, और नागरिक अधिकारों से जुड़े सुझावों को अमल में लाना
टास्क फोर्स की संरचना
विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और डिजिटल इंडिया मिशन के प्रतिनिधि
विश्व स्तर पर बसे भारतीय समुदायों से नामित प्रतिनिधि
डेटा विश्लेषण, कूटनीति, और नीति विशेषज्ञ
दोहरे नागरिकता जैसे मुद्दों पर चर्चा
विदेशों में भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना