प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा शनिवार रात (स्थानीय समयानुसार) को संपन्न की और सीधे ब्राजील के लिए रवाना हो गए, जहां वे रियो डी जनेरियो में आयोजित हो रहे 17वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। अर्जेंटीना से विदा होते समय प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को “उपजाऊ और उपयोगी” बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए लिखा, “मेरी अर्जेंटीना यात्रा काफी फलदायी रही। मुझे विश्वास है कि हमारी चर्चाएं द्विपक्षीय मित्रता को नई गति देंगी और मौजूद भारी संभावनाओं को पूरा करेंगी। मैं राष्ट्रपति माइली, अर्जेंटीना सरकार और वहां की जनता का हार्दिक धन्यवाद करता हूं।”
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के बीच व्यापक द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज संसाधन, फार्मास्युटिकल, ऊर्जा और खनन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने रणनीतिक साझेदारी को एक नई दिशा देने के लिए संस्थागत तंत्र को और मजबूत करने की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में “Key to the City” से सम्मानित किया गया—यह सम्मान शहर और उसके नागरिकों के प्रति विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। इस सम्मान को भारत-अर्जेंटीना संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है।
अब प्रधानमंत्री मोदी की अगली कूटनीतिक भागीदारी रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स सम्मेलन में होगी, जहां वे ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे। यह सम्मेलन वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को बुलंद करने, बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता, सतत विकास और वैश्विक आर्थिक असंतुलन को संतुलित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।
भारत की ओर से इस सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद के विरुद्ध साझा रणनीति, खाद्य सुरक्षा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और जलवायु परिवर्तन से निपटने पर विशेष बल दिया जाएगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी और यह संगठन वर्तमान में दुनिया की 42 प्रतिशत आबादी और 24 प्रतिशत वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स अब पश्चिमी देशों के प्रभाव वाले संगठनों के समानांतर एक सशक्त विकल्प बनता जा रहा है। भारत इसकी संस्थापक सदस्य होने के नाते इस मंच का उपयोग वैश्विक नीति-निर्माण में अपनी भूमिका को सशक्त करने हेतु कर रहा है।
ब्रिक्स सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ब्रासीलिया जाएंगे, जहां ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा के साथ उनकी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसमें व्यापार, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर विस्तृत चर्चा होगी।
इस राज्य स्तरीय दौरे के तहत प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के उद्योगपतियों, ब्राजील-भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स और प्रवासी भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी संवाद करेंगे। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच सामाजिक और व्यावसायिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी।
ब्रिक्स सम्मेलन और ब्रासीलिया की द्विपक्षीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी नामीबिया के लिए रवाना होंगे। यह उनका इस पांच देशों के दौरे का अंतिम चरण होगा। नामीबिया यात्रा में जलवायु सहयोग, वन्यजीव संरक्षण, रक्षा, विज्ञान और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में समझौतों की उम्मीद है।
व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अर्जेंटीना यात्रा के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा सहयोग को गहराई देने पर जोर दिया। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ बातचीत में यह सहमति बनी कि पारंपरिक व्यापारिक साझेदारी से आगे बढ़ते हुए अब दोनों देश उच्च तकनीकी रक्षा उत्पाद, डुअल-यूज़ टेक्नोलॉजी, और संयुक्त सैन्य अभ्यासों की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। इसके साथ ही भारत ने अर्जेंटीना से रक्षा क्षेत्र में स्थानीय उत्पादन व आपूर्ति श्रृंखला विकास में सहयोग का प्रस्ताव भी रखा। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ के वैश्विक विस्तार का हिस्सा माना जा रहा है।
रणनीतिक खनिजों पर संयुक्त अनुसंधान और निवेश की सहमति
भारत और अर्जेंटीना के बीच एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण सहमति लिथियम, कोबाल्ट और अन्य दुर्लभ खनिजों के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और निवेश को लेकर बनी। अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका के लिथियम ट्राएंगल का हिस्सा है और भारत अपने ई-मोबिलिटी मिशन के लिए लिथियम जैसी बैटरियों में उपयोग होने वाले खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहता है। इस दिशा में दोनों देशों की सरकारी एजेंसियों और निजी कंपनियों के बीच MoU साइन किए गए। इससे भारत को दीर्घकालीन कच्चे माल की सुरक्षा मिलेगी और अर्जेंटीना में निवेश का नया मार्ग खुलेगा।
फार्मा व ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी साझेदारी पर सहमति
दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं और फार्मास्युटिकल विनिर्माण के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। भारतीय दवा कंपनियाँ पहले से ही अर्जेंटीना में सक्रिय हैं, लेकिन अब यह सहयोग नवीन अनुसंधान, वैक्सीन निर्माण, और सस्ती जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति तक विस्तारित किया जाएगा। ऊर्जा के क्षेत्र में भी हरित ऊर्जा, विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा, पर साझेदारी को लेकर रूपरेखा तय की गई है। भारत की ‘International Solar Alliance’ और अर्जेंटीना की अक्षय ऊर्जा योजनाएं एक साझा मंच पर आकर कार्य करेंगी।
“Key to the City” सम्मान से नवाज़े गए पहले भारतीय प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्यूनस आयर्स नगर प्रशासन द्वारा “Key to the City” सम्मान प्रदान किया गया—जो कि अर्जेंटीना में किसी भारतीय प्रधानमंत्री को पहली बार मिला। यह सम्मान उस व्यक्तित्व को दिया जाता है जिसने शहर और उसके नागरिकों के लिए प्रेरक योगदान दिया हो। यह न केवल व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि यह भारत और अर्जेंटीना के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक भरोसे का प्रतीक भी बन गया है। मोदी के लिए यह सम्मान भारत के वैश्विक प्रभाव और नेतृत्व की भी पुष्टि करता है।
अर्जेंटीना ने भारत को ‘प्राथमिक रणनीतिक भागीदार’ माना
यात्रा के अंत में जारी संयुक्त बयान में अर्जेंटीना ने भारत को अपनी ‘प्राथमिक रणनीतिक साझेदारी’ (Primary Strategic Partnership) की श्रेणी में शामिल किया। यह अर्जेंटीना की विदेश नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले यह स्थान बहुत ही सीमित देशों को प्राप्त था। इसका अर्थ है कि भारत और अर्जेंटीना अब सुरक्षा, भू-राजनीति, और वैश्विक मंचों पर समन्वय के साथ कार्य करेंगे। इससे संयुक्त राष्ट्र, WTO और अन्य बहुपक्षीय संस्थाओं में दोनों देशों की पारस्परिक सहायता को बल मिलेगा।