
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 123वीं कड़ी में देशवासियों से संवाद करते हुए न केवल स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, योग, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, बल्कि आध्यात्मिक यात्राओं की गरिमा, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी मनाया। प्रधानमंत्री का यह मासिक कार्यक्रम एक बार फिर सकारात्मक ऊर्जा, राष्ट्रीय गौरव और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जन-भागीदारी को रेखांकित करता नजर आया।
योग दिवस ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की भावना को मिला वैश्विक समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सफलता से की। उन्होंने कहा कि “21 जून को दुनिया भर के करोड़ों लोगों ने योग के माध्यम से ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के संदेश को अपनाया। इस अवसर पर विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर तीन लाख लोगों ने एक साथ योग किया, तो वहीं दो हजार आदिवासी विद्यार्थियों ने 108 मिनट तक 108 सूर्य नमस्कार कर पूरी दुनिया को अनुशासन और समर्पण की मिसाल दी।”
प्रधानमंत्री ने हिमालय की चोटियों से लेकर आईटीबीपी के जवानों तक, चिनाब ब्रिज से लेकर वडनगर के रिकॉर्ड तक, दिव्यांगजनों से लेकर विदेशों के शहरों तक—हर पहलू को उजागर किया। उन्होंने कहा, “यह केवल उत्सव नहीं था, यह भारत की हजारों वर्षों पुरानी परंपरा के प्रति दुनिया की आस्था का परिचायक था।”
धार्मिक यात्राएं आस्था, सेवा और एकता का महाअभियान
प्रधानमंत्री ने देश में चल रही विभिन्न धार्मिक यात्राओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो सबसे पहले मन में यही भाव आता है—चलो, बुलावा आया है। यही भाव यात्राओं की आत्मा है।”
उन्होंने अमरनाथ यात्रा के आगामी आयोजन, कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः शुभारंभ और जगन्नाथ रथ यात्रा की भव्यता का उल्लेख करते हुए कहा, “ये यात्राएं ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जीवंत मिसाल हैं। इन यात्राओं में सेवा का जो भाव दिखता है, वो ही भारत की आत्मा है।”
भारत ट्रेकोमा मुक्त स्वास्थ्य क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि
प्रधानमंत्री ने गर्व से बताया कि “विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त देश घोषित किया है। यह उपलब्धि न केवल स्वास्थ्यकर्मियों के परिश्रम की परिणति है, बल्कि स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन जैसे प्रयासों की सफलता भी है।”
उन्होंने कहा कि यह सिद्ध करता है कि भारत न केवल बीमारियों से लड़ रहा है, बल्कि उनके मूल कारणों को भी समाप्त कर रहा है।
सामाजिक सुरक्षा का विस्तार 95 करोड़ नागरिकों को लाभ
पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि “आज भारत की 64% से ज्यादा आबादी किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित हो रही है, जबकि 2015 तक यह आंकड़ा 25 करोड़ से भी कम था।”
उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की उत्कृष्ट तस्वीर बताते हुए कहा कि “देश अब saturation की भावना से आगे बढ़ रहा है।”
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ लोकतंत्र का सम्मान, इतिहास की सीख
प्रधानमंत्री ने देश में लगे आपातकाल को स्मरण करते हुए उसे ‘संविधान हत्या दिवस’ बताया और उस काले अध्याय की भयावहता को मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के ऑडियो सन्देशों के माध्यम से लोगों के सामने रखा।
उन्होंने कहा, “भारत की जनता ने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया, झुकी नहीं, टूटी नहीं। यह प्रेरणा हमें अपने संविधान की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहने की प्रेरणा देती है।”
बोडोलैंड की नई पहचान फुटबॉल से राष्ट्र निर्माण
प्रधानमंत्री ने असम के बोडोलैंड क्षेत्र में चल रहे फुटबॉल टूर्नामेंट ‘बोडोलैंड CEM कप’ की चर्चा करते हुए कहा, “ये सिर्फ टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एकता और उम्मीद का उत्सव है। 3,700 से अधिक टीमें, 70,000 खिलाड़ी, और बेटियों की बड़ी भागीदारी – यह बोडोलैंड में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।”
उन्होंने हालीचरण नारजारी, दुर्गा बोरो, अपूर्वा नारजारी जैसे खिलाड़ियों के नाम लेकर उन्हें नई पीढ़ी का प्रेरणास्रोत बताया।
‘10% तेल कम’ का मंत्र और फिटनेस पर जोर
पीएम मोदी ने देशवासियों को फिर याद दिलाया, “मोटापा कम करने के लिए खाने में 10% तेल कम करें। जब आप फिट होंगे, तो ज़िंदगी सुपरहिट होगी।”
एरी सिल्क को GI टैग मेघालय की सांस्कृतिक धरोहर को पहचान
प्रधानमंत्री ने मेघालय के एरी सिल्क को GI टैग मिलने पर बधाई दी और इसे अहिंसा का प्रतीक बताते हुए कहा कि “यह प्राकृतिक, टिकाऊ और वैश्विक बाजार के लिए उपयुक्त उत्पाद है।” उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ का संकल्प दोहराया।
महिलाओं की सशक्त कहानियां: भद्राचलम, कलबुर्गी और बालाघाट की गाथाएं
पीएम मोदी ने ‘Women-led Development’ की सफलता के उदाहरणों को साझा किया। उन्होंने तेलंगाना की भद्राचलम की महिलाओं द्वारा मिलेट्स से बिस्किट और सस्ती सैनिटरी पैड्स बनाकर लंदन तक पहुंचने की कहानी सुनाई। साथ ही कर्नाटका के कलबुर्गी की महिलाओं की ज्वार रोटी को ब्रांड बनाने और मध्यप्रदेश की सुमा उइके की मशरूम खेती और ‘दीदी कैंटीन’ तक की प्रेरणादायक यात्रा का उल्लेख किया।
भगवान बुद्ध के अवशेषों की वियतनाम यात्रा श्रद्धा और कूटनीति का संगम
प्रधानमंत्री ने बताया कि “वियतनाम में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन हेतु 1.5 करोड़ से अधिक लोग पहुंचे। यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और श्रद्धा का अद्भुत उदाहरण है।” उन्होंने नागार्जुनकोंडा की ऐतिहासिक भूमिका का भी उल्लेख किया।
पर्यावरण संरक्षण ‘मिशन फॉर मिलियन ट्रीज’ और पाटोदा की मिसाल
पीएम मोदी ने पुणे के रमेश खरमाले द्वारा पर्यावरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि रमेश जी अपने परिवार के साथ मिलकर पहाड़ियों में टैंक बनाते, पेड़ लगाते और प्राकृतिक पुनर्जीवन का कार्य करते हैं।
गुजरात के ‘सिंदूर वन’ और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों की चर्चा करते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के पाटोदा गांव को ‘कार्बन न्यूट्रल ग्राम पंचायत’ के रूप में उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया।
अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि Group Captain शुभांशु शुक्ला का मिशन
प्रधानमंत्री ने कहा कि “शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय स्पेस सेंटर पर भारत का गौरव बनकर पहुंचे हैं। मेरी उनसे बात हुई है और हम इस अभियान की विस्तृत चर्चा अगली ‘मन की बात’ में करेंगे।”
1 जुलाई को डॉक्टर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का सम्मान
कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री ने 1 जुलाई को ‘डॉक्टर्स डे’ और ‘सीए डे’ की याद दिलाई। उन्होंने इन दोनों प्रोफेशनों को समाज के स्तंभ बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।
समापन संदेश जन-भागीदारी से ही समृद्ध भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ का अगला एपिसोड जनता के सुझावों से और समृद्ध होगा। उन्होंने अपने संदेश में प्रेरणा, जनभागीदारी और नई ऊर्जा का संचार करते हुए कहा, “हम फिर मिलेंगे, नई बातों, नई प्रेरणाओं और देशवासियों की नई उपलब्धियों के साथ।”