भारत के सबसे चर्चित और बहु-करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में अब एक नया मोड़ आ गया है। इस बहुचर्चित घोटाले के प्रमुख आरोपी नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा संयुक्त रूप से दायर प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार को भारत सरकार को सूचित किया कि नेहाल मोदी को हिरासत में ले लिया गया है और उस पर दो गंभीर आपराधिक आरोपों में प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की जा रही है—एक आरोप मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) और दूसरा आपराधिक साजिश का है।
नेहाल मोदी, जो अमेरिका में रह रहा था, पर आरोप है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी के निर्देश पर अरबों रुपये की अवैध धनराशि को शेल कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शनों के माध्यम से इधर-उधर किया। इस मामले में भारतीय एजेंसियों ने पहले ही विस्तृत जांच कर एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर अमेरिका को प्रत्यर्पण अनुरोध सौंपा था, जिसे अब अमेरिका ने संज्ञान में लिया है।
ED के अनुसार, नेहाल मोदी की गतिविधियाँ घोटाले की योजना बनाने और उसकी सफाई (laundering) करने में निर्णायक रही हैं। वह कथित रूप से उन अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का संचालन कर रहा था जिसके जरिए PNB से निकाली गई अवैध रकम को कई देशों में भेजा गया।
प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की संयुक्त जांच में यह सामने आया है कि नेहाल मोदी ने कई शेल कंपनियों का उपयोग कर नीरव मोदी के लिए गैरकानूनी पैसे को सफेद करने का काम किया। उसने न केवल अवैध धन को अमेरिका, बेल्जियम और दुबई जैसे देशों में स्थानांतरित किया, बल्कि उसके दस्तावेजी साक्ष्य भी मिटाने की कोशिश की।
भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में बताया गया है कि नेहाल मोदी ने इन फंडों का उपयोग लक्जरी सामान, संपत्तियों और व्यवसायों की खरीद में किया, जिससे ये दिखाया जा सके कि ये रकम वैध रूप से अर्जित की गई थी। अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने भी इस पर अपनी स्वीकृति दी है और उसे ‘आर्थिक अपराध में गहन भागीदारी’ माना है।
भारत के इतिहास में यह घोटाला एक मील का पत्थर रहा है—13,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के साथ यह घोटाला पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से किया गया था, जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और उनके सहयोगियों ने फर्जी एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के माध्यम से विदेशी बैंकों से लोन लिया।
नीरव मोदी फिलहाल ब्रिटेन की एक जेल में है और उसका प्रत्यर्पण मामला भी ब्रिटिश अदालतों में लंबित है। नेहाल मोदी की गिरफ्तारी भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और विधिक सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे यह सिद्ध होता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने में सक्षम है।
अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई निर्धारित की गई है, जब अमेरिकी अदालत में प्रत्यर्पण की स्थिति पर ‘स्टेटस कॉन्फ्रेंस’ आयोजित की जाएगी। इस दौरान नेहाल मोदी जमानत के लिए याचिका दायर कर सकता है, परंतु अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने पहले ही कहा है कि वह जमानत का विरोध करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रत्यर्पण प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है, लेकिन भारत की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों की मजबूती के कारण संभावना है कि नेहाल मोदी को भारत लाने में सफलता मिल सकती है।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 2018 में सामने आए घोटाले ने न केवल देश की बैंकिंग प्रणाली को झकझोर कर रख दिया, बल्कि आम जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर आर्थिक अपराध किस तरह अंजाम दिए जा सकते हैं। ₹13,578 करोड़ की इस धोखाधड़ी में प्रमुख आरोपी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चौकसी हैं।
यह घोटाला उस समय उजागर हुआ जब पीएनबी की मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा में कुछ संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिली। जांच में पाया गया कि बैंक के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत से फर्जी LoU (Letter of Undertaking) जारी किए, जिसके माध्यम से नीरव मोदी और उसकी कंपनियों ने विदेशी बैंकों से ऋण ले लिया—बिना किसी गारंटी या सुरक्षा के।
LoU, यानी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग, एक ऐसा बैंकिंग उपकरण है, जिसके तहत भारतीय बैंक किसी ग्राहक के लिए विदेशी बैंक को यह आश्वासन देता है कि वह ऋण की राशि चुकाएगा। इस प्रक्रिया में, यदि LoU फर्जी हो, तो यह बैंक के ऊपर बहुत बड़ा जोखिम बन जाता है।
नीरव मोदी की कंपनियों ने LoU के माध्यम से भारत के बाहर के बैंकों से लोन लिया, लेकिन बैंक रिकॉर्ड्स में इसका कोई स्पष्ट जिक्र नहीं था। यह सब बैंक कर्मचारियों और नीरव मोदी के बीच मिलीभगत से किया गया था।
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी
नीरव मोदी एक जाने-माने ज्वैलरी व्यापारी थे, जिनकी फर्म Firestar Diamond International समेत कई अन्य कंपनियां हीरे और आभूषणों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सक्रिय थीं। इसी व्यापारिक छवि का उपयोग करते हुए उन्होंने बैंकों से फर्जी तरीके से ऋण उठाया।
मेहुल चौकसी, जो गीतनजली जेम्स का मालिक था, नीरव मोदी का मामा है और इस पूरे नेटवर्क का सह-नियंत्रक माना जाता है। चौकसी एंटीगुआ भाग गया और अब तक भारत लौटने से इनकार करता रहा है।
नेहाल मोदी की गिरफ्तारी
नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी की भूमिका इस घोटाले को वैश्विक रूप देने में रही। भारतीय एजेंसियों के अनुसार, नेहाल ने विदेशों में शेल कंपनियों का नेटवर्क बनाया, जिसके माध्यम से नीरव मोदी की अवैध रूप से कमाई गई रकम को धोकर वैध दिखाया गया।
5 जुलाई 2025 को अमेरिका में नेहाल मोदी को भारतीय एजेंसियों की संयुक्त प्रत्यर्पण याचिका के बाद गिरफ्तार किया गया। अमेरिकी न्याय विभाग अब उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश के आरोपों पर भारत को प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।
वर्तमान स्थिति
नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की एक जेल में बंद है और उसका प्रत्यर्पण मामला लंबे समय से ब्रिटिश अदालतों में लंबित है। वहीं, नेहाल मोदी की अगली सुनवाई अमेरिका में 17 जुलाई को निर्धारित है, जिसमें वह जमानत की अर्जी दे सकता है, लेकिन अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करने का फैसला किया है।
यदि भारत की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज पर्याप्त मजबूत पाए जाते हैं, तो संभावना है कि नेहाल मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा।
प्रशासन
CBI और ED दोनों ने इस गिरफ्तारी को भारत के लिए “रणनीतिक सफलता” बताया है। यह एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर आर्थिक अपराधियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिए तत्पर है।
भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशों और विधिक तंत्रों की बदौलत अब यह घोटाला धीरे-धीरे न्याय की दिशा में बढ़ रहा है, जो कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली की साख के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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