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गृह मंत्री ने लिया हालात का जायज़ा उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ में जनजीवन प्रभावित

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Admin Site |04.07.2025|NDRF| News Delhi |Amit Shah|

मानसून बना मुसीबत देशभर में मानसून के दस्तक देने के साथ ही कई राज्यों में तबाही मचाने वाली बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। विशेष रूप से उत्तर भारत और मध्य भारत के कई राज्यों—उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़—में मूसलाधार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सड़कों का टूटना, पुलों का बहना, भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत हरकत में आते हुए राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं पांचों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क कर स्थिति का जायज़ा लिया और केंद्र से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर देशवासियों को आश्वस्त किया कि आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की पर्याप्त टीमें तैनात की गई हैं और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बल भेजा जाएगा।

गृह मंत्री ने दी जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा

“देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश को देखते हुए मैंने गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों से बात की। सभी राज्यों में जरूरतमंद लोगों की सहायता हेतु एनडीआरएफ की पर्याप्त टीमें तैनात की गई हैं और आवश्यकता अनुसार और टीमें भेजी जाएंगी। केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर हरसंभव सहायता कर रही है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि संबंधित एजेंसियों को राहत कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और मौसम विभाग की चेतावनियों पर सतत निगरानी रखी जा रही है। गृह मंत्रालय की आपदा निगरानी प्रणाली 24×7 सक्रिय है।

 उत्तराखंड में चारधाम यात्रा बाधित

उत्तराखंड की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। राज्य के ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चारधाम स्थलों की यात्रा पर रोक लगाई गई है। केदारनाथ मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण श्रद्धालु फंस गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा:

माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने राज्य के हालात की बारीकी से जानकारी ली और केदारनाथ धाम जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनाती की समीक्षा की। एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें अलर्ट पर हैं। हेलीकॉप्टरों के माध्यम से फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हर जिले में निगरानी प्रणाली सुदृढ़ की गई है, स्थानीय प्रशासन को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं और पारंपरिक यात्रा मार्गों पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं तैयार की गई हैं।

हिमाचल में तबाही का मंजर

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस वर्ष सबसे भयंकर रूप लिया है। अचानक आई बाढ़ और भारी भूस्खलन ने राज्य के कई हिस्सों को काटकर रख दिया है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार,

शिमला, मंडी, कुल्लू, और चंबा जैसे जिलों में हालात विशेष रूप से खराब हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी कि हेलीकॉप्टरों द्वारा राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और राज्य भर में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं।

शैक्षणिक संस्थानों को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है और स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की आपातकालीन ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भीषण जलभराव, गुजरात में हालात बिगड़ते

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी मूसलाधार बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है।

राजस्थान

कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और उदयपुर में भारी बारिश के चलते नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। चंबल और बनास नदी उफान पर हैं, जिससे पुलों पर आवागमन रोका गया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और जिलास्तरीय राहत शिविरों की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़

अंबिकापुर, जगदलपुर और रायगढ़ जैसे जिलों में भारी जलभराव देखा गया है। कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को बाहर निकालने का कार्य शुरू किया है

गुजरात

गुजरात के सौराष्ट्र और दक्षिणी हिस्सों में भारी वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, वलसाड और नवसारी जिलों में जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है। फायर ब्रिगेड, होमगार्ड, और नागरिक सुरक्षा बलों को 24 घंटे राहत कार्य में लगाया गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है

NDRF की तैनाती आपदा प्रबंधन के लिए तत्पर है 

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भारत सरकार की वह विशेष बल है जिसे प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूस्खलन, तूफान, भूकंप इत्यादि से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

  • इसका गठन 2006 में किया गया था और यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

  • एनडीआरएफ की टीमें न सिर्फ राहत एवं बचाव कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाती हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बिठाकर प्रभावितों को चिकित्सकीय सहायता, भोजन और अस्थायी आश्रय भी उपलब्ध कराती हैं।

राहत के मोर्चे पर दिन-रात तैनात

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर एनडीआरएफ की टीमों ने कई फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू जिलों में भूस्खलन से प्रभावित गांवों में राहत सामग्री हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाई जा रही है। गुजरात के नवसारी और वलसाड जिलों में फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमें जलभराव वाले घरों से लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य कर रही हैं।

राजस्थान के बांसवाड़ा में राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भोजन, दवा और प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की गई है। वहीं छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों में पंपिंग सिस्टम के ज़रिए जल निकासी का कार्य किया जा रहा है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) भारत सरकार की एक विशेष बल है, जो प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए गठित की गई है।

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