
नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025:
भारत की कृषि और बागवानी विविधता को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयासों के तहत, ‘इंडियन मैंगो मेनिया 2025’ का आयोजन अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात में भव्यता के साथ किया गया। यह आयोजन एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) द्वारा, भारतीय दूतावास और लुलु समूह के सहयोग से किया गया। इसका उद्देश्य भारतीय आमों की प्रीमियम किस्मों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में लोकप्रिय बनाना और खाड़ी देशों में बसे करोड़ों भारतीय प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ना है।
यह कार्यक्रम अबू धाबी स्थित लुलु हाइपरमार्केट (खालिदिया मॉल) में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन यूएई में भारत के राजदूत श्री संजय सुधीर और लुलु समूह के अध्यक्ष श्री यूसुफ अली एमए की उपस्थिति में हुआ। उद्घाटन समारोह में एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ. सीबी सिंह, भारतीय दूतावास के काउंसलर (व्यापार और निवेश) श्री रोहित मिश्रा सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
‘इंडियन मैंगो मेनिया 2025’ ने आमों की विविध किस्मों को बेजोड़ अंदाज में प्रस्तुत किया। प्रदर्शनी में जीआई टैग प्राप्त और क्षेत्रीय विशिष्टता से युक्त आमों की जो सूची सामने आई, वह भारत की कृषि विविधता की सजीव झलक थी। इन किस्मों में प्रमुख थे —
बनारसी लंगड़ा, दशहरी, चौसा, सुंदरजा, आम्रपाली, मालदा, भारत भोग, प्रभा शंकर, लक्ष्मण भोग, महमूद बहार, वृंदावनी, फजली और मल्लिका।
इन आमों को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से चुना गया, जिनकी मिठास और खुशबू हर भारतीय को अपनी मिट्टी की याद दिलाती है।
राजदूत श्री संजय सुधीर ने उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में कहा कि, “भारतीय आमों की ताजगी और स्वाद खाड़ी के प्रत्येक घर तक पहुंचाने की हमारी प्रतिबद्धता है।” उन्होंने इस आयोजन को एपीडा और लुलु के सहयोग की सफलता करार देते हुए इसे भारत-यूएई व्यापारिक संबंधों के लिए एक नया अध्याय बताया।
लुलु समूह के अध्यक्ष श्री यूसुफ अली एमए ने कहा कि, “यूएई और खाड़ी क्षेत्र में लुलु की खुदरा श्रृंखला के माध्यम से भारत के सर्वश्रेष्ठ कृषि उत्पादों को वैश्विक मंच पर लाना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने भारतीय आमों की गुणवत्ता की सराहना करते हुए भारतीय किसानों की मेहनत को सलाम किया।
मुख्य लेख स्वाद, संस्कृति और संप्रेषण का संगम
भारतीय आमों की वैश्विक ब्रांडिंग: भारतीयआम
भारतीय आम:
भारत न केवल आम का सबसे बड़ा उत्पादक है, बल्कि उसकी किस्मों में जो स्वाद, सुगंध और विविधता है, वह वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त भी देती है। ‘इंडियन मैंगो मेनिया’ इसी ब्रांड वैल्यू को विस्तार देने की कोशिश है। एपीडा ने इस बार उत्कृष्ट पैकेजिंग, एयर फ्रेट के जरिये ताजगी की गारंटी, और रिटेल आउटलेट्स पर लाइव प्रदर्शन के माध्यम से आमों को एक वैश्विक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत किया।
आम-आधारित भोजन और वैश्विक फ्यूज़न:
पारंपरिक मिठाईयों से आगे बढ़ते हुए, महोत्सव में आम से बनी बेकरी उत्पादों ने विशेष स्थान पाया। इनमें शामिल थे:
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मैंगो पेस्ट्री – आम की लेयरिंग वाली क्रीमी पेस्ट्री
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स्विस रोल – आम के फ्लेवर से सजी मुलायम स्पॉन्ज
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मैंगो डोनट्स और मैकरून – बच्चों और युवाओं के बीच खास आकर्षण
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मैंगो ब्रेड और केक – फलों की सुगंध और बेकिंग की कलात्मकता का संगम
इन उत्पादों ने भारतीय आमों को यूरोपीय और अमेरिकी बेकरी बाजारों में प्रवेश दिलाने की संभावना को भी उजागर किया।
पारंपरिक भारतीय व्यंजन घर का स्वाद विदेश में:
सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए, आम से बनी कुछ भारतीय पारंपरिक व्यंजन भी उत्सव का हिस्सा बने, जैसे:
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मंबाझा पायसम (केरल): नारियल और आम से बनी दक्षिण भारतीय मिठाई
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आम पुलाव: हल्के मसालों में आम की मिठास से सुसज्जित चावल
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मछली आम करी: बंगाल और ओडिशा का खास व्यंजन
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आम की चटनी और खिचड़ी: उत्तर भारत की पारंपरिक दावतें
इन व्यंजनों ने प्रवासी भारतीयों के लिए स्मृतियों और स्वादों का संगम प्रस्तुत किया।
स्नैक्स और सलाद ताजगी और तृप्ति:
खाड़ी की गर्मियों को ध्यान में रखते हुए, आम से बने हल्के फुल्के स्नैक्स और सलाद भी महोत्सव का हिस्सा रहे:
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आम के पकौड़े – आम को बेसन में डुबोकर तले गए कुरकुरे स्नैक्स
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मैंगो चाट – मसालेदार और रसीले स्वाद का अद्भुत संयोजन
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मैंगो रायता – दही और आम के मेल से बना ठंडा व्यंजन
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ट्रॉपिकल सलाद – आम, पपीता, अनानास और संतरे का मिश्रण
इन हल्के व्यंजनों ने स्वास्थ्य और स्वाद का संतुलन बखूबी प्रस्तुत किया।
ग्लोबल फ्यूज़न डिशेज़ नवाचार की मिठास:
महोत्सव में आम केवल भारतीय व्यंजनों तक सीमित नहीं रहा। फ्यूज़न किचन ने आम के स्वाद को अंतरराष्ट्रीय रूप देते हुए नए प्रयोग किए:
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मैंगो सुशी – जापानी तकनीक से आम भरे रोल्स
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मैंगो-स्टफ्ड चिकन – भारतीय मसालों के साथ आम की कोर भराई
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मैंगो चपली कबाब – आम के पल्प से बनी मीठी-मसालेदार कबाब
इन व्यंजनों ने यह सिद्ध किया कि भारतीय आम विश्वव्यापी पाक प्रयोगों के लिए तैयार हैं।
अचार और मुरब्बा परंपरा का संरक्षण:
भारत की अचार संस्कृति इस उत्सव में भी झलकती रही। प्रदर्शित अचार और मुरब्बों में शामिल थे:
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आम-खजूर का अचार – खट्टा-मीठा स्वाद
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लहसुन-आम का अचार – तीखा और सुगंधित मिश्रण
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कश्मीरी स्टाइल मिक्स अचार – अलग-अलग मसालों में पकाया गया आम
इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्रकार के मैंगो मुरब्बा और हैंडक्राफ्टेड आम कैंडीज ने हर उम्र के दर्शकों को आकर्षित किया।
पेय पदार्थ तरावट और पोषण:
गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए, आम पर आधारित पेय भी महोत्सव का मुख्य हिस्सा बने:
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ताजा आम का जूस – बिना मिलावट
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मैंगो स्मूदी – फलों और दही का गाढ़ा मिश्रण
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मैंगो पल्प, जैम और जेली – घर और रेस्टोरेंट दोनों के लिए उपयुक्त
इन उत्पादों की लोकप्रियता ने यह संकेत दिया कि प्रोसेस्ड मैंगो ड्रिंक और डेज़र्ट अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से स्थान बना रहे हैं।
यूएई भारतीय आमों का प्रमुख गंतव्य:
2024 के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने केवल यूएई को ही 12,000 मीट्रिक टन आम निर्यात किए, जिसकी कुल कीमत 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक रही। यह स्पष्ट करता है कि भारतीय आमों की खाड़ी देशों में भारी मांग है। एपीडा इस मांग को स्थायी निर्यात संबंधों में बदलने के लिए एफपीओ, एफपीसी और निर्यातकों के साथ साझेदारी कर रहा है।
तस्वीर अनुभाग:
(तस्वीर में भारतीय राजदूत, लुलु समूह अध्यक्ष, और आमों से सजे स्टॉल की छवि शामिल की जा सकती है)
कैप्शन: अबू धाबी के लुलु मॉल में ‘इंडियन मैंगो मेनिया 2025’ के उद्घाटन अवसर पर भारतीय आमों की भव्य प्रदर्शनी।
बॉक्स न्यूज़ अनुभाग:
‘इंडियन मैंगो मेनिया 2025’ के प्रमुख बिंदु
विशेषता | विवरण |
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स्थान | लुलु हाइपरमार्केट, खालिदिया मॉल, अबू धाबी |
तिथि | जून-जुलाई 2025 (मुख्य आम मौसम) |
आयोजक | एपीडा, भारतीय दूतावास, लुलु समूह |
प्रदर्शित किस्में | दशहरी, लंगड़ा, फजली, आम्रपाली, चौसा, मल्लिका आदि |
खास व्यंजन | आम पुलाव, मैंगो सुशी, पेस्ट्री, चपली कबाब, अचार |
निर्यात आँकड़े (2024) | 12,000 MT से अधिक आम, $20 मिलियन मूल्य का निर्यात |
लक्ष्य | आमों की वैश्विक पहचान, कृषक लाभ, बाजार विस्तार |
एपीडा की भूमिका और दृष्टिकोण:
एपीडा के अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि यह केवल एक विपणन कार्यक्रम नहीं है, बल्कि भारतीय कृषि की आत्मनिर्भरता और वैश्विक उपस्थिति को सुनिश्चित करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है। उन्होंने कहा कि एपीडा ने भारत के पूर्वी क्षेत्रों से आमों की एयरलिफ्टिंग सुनिश्चित की और यह प्रयास न केवल किसानों के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाता है, बल्कि भारत की ब्रांड इमेज को भी मजबूत करता है।
निष्कर्ष:
‘इंडियन मैंगो मेनिया 2025’ भारत की कृषि कूटनीति का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है, जिसने आम जैसे पारंपरिक उत्पाद को ग्लोबल डिप्लोमैटिक और आर्थिक संसाधन बना दिया है। अबू धाबी में आयोजित यह उत्सव न केवल स्वाद और सुगंध का संगम था, बल्कि भारत की निर्यात रणनीति, सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक भी बना।
यह पहल दिखाती है कि जब भारतीय उत्पादों को सही मंच और रणनीति मिलती है, तो वे दुनिया के किसी भी कोने में अपनी मिठास और गुणवत्ता से दिल जीत सकते हैं।