प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की बहुप्रतीक्षित यात्रा का अगला पड़ाव है अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स, जहां वह आज शाम (भारत में तड़के) पहुंचने वाले हैं। यह ऐतिहासिक दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देगा, बल्कि भारत की “ग्लोबल साउथ” नीति के अंतर्गत लैटिन अमेरिका के साथ गहरे और टिकाऊ रिश्तों को भी सशक्त बनाएगा। प्रधानमंत्री पहले ही घाना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सफल दौरा कर चुके हैं।
57 वर्षों बाद भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के निमंत्रण पर 4 और 5 जुलाई को अर्जेंटीना में रहेंगे। यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि यह पिछले 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। हालांकि, पीएम मोदी 2018 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अर्जेंटीना आ चुके हैं, लेकिन यह दौरा विशेष रूप से भारत-अर्जेंटीना के गहरे रणनीतिक सहयोग की दिशा में एक नया कदम है। नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरो में हुए जी20 सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा से पहले दिए गए बयान में अर्जेंटीना को “लैटिन अमेरिका में भारत का एक प्रमुख आर्थिक भागीदार और जी20 में करीबी सहयोगी” बताया था। वर्ष 2019 में दोनों देशों के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ाया गया था और 2024 में कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई गई थी।
भारतीय संस्कृति
भारत और अर्जेंटीना के बीच संबंध बहुआयामी हैं—ट्रेड, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कृषि, चिकित्सा, संस्कृति और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में। योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन अर्जेंटीना की आम जनता में लोकप्रिय हैं, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच भावनात्मक जुड़ाव और भी मजबूत हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। उन्हें भव्य औपचारिक स्वागत मिलेगा और इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता होगी, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, खनिज, स्वास्थ्य, डिजिटल नवाचार और रक्षा सहयोग जैसे अहम विषय शामिल होंगे। राष्ट्रपति मिलेई प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में औपचारिक भोज का आयोजन भी करेंगे।
ऊर्जा क्षेत्र
अर्जेंटीना वर्तमान में गहन आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया से गुजर रहा है और भारत उसके लिए एक भरोसेमंद विकास भागीदार बनकर उभरा है। ऊर्जा क्षेत्र में दोनों देशों के हितों का मेल विशेष रूप से उल्लेखनीय है। अर्जेंटीना के पास दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेल गैस भंडार और चौथे सबसे बड़े शेल ऑयल भंडार हैं। साथ ही परंपरागत तेल एवं गैस संसाधनों की प्रचुरता इसे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा भागीदार बनाती है।
भारत, जो ऊर्जा आयात पर काफी निर्भर है, अर्जेंटीना जैसे स्रोत-संपन्न देश के साथ दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग स्थापित कर ऊर्जा सुरक्षा और आपूर्ति स्थिरता को सुनिश्चित करना चाहता है। इस दिशा में परामर्श और समझौतों के स्तर पर ठोस प्रगति हुई है।
खनिज लिथियम
लिथियम और अन्य दुर्लभ खनिज तत्व (Rare Earth Elements) भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के लिए अनिवार्य हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरियों और नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में उपयोग होने वाला लिथियम अर्जेंटीना में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया मिलकर “लिथियम ट्रायंगल” का निर्माण करते हैं, जो वैश्विक लिथियम आपूर्ति का एक बड़ा केंद्र है।
भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ जैसे Khanij Bidesh India Ltd (KABIL) और Coal India Ltd पहले ही अर्जेंटीना के काटामार्का प्रांत में लिथियम खनन के लिए कुछ खनिज रियायतें प्राप्त कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के बीच इस विषय पर विस्तृत बातचीत हुई है और दोनों देश इस क्षेत्र में संयुक्त खनन, प्रक्रिया तकनीक और निवेश को बढ़ावा देने पर सहमत हुए हैं।
भारत का स्वास्थ्य मॉडल अर्जेंटीना के लिए प्रेरणा
भारत की डिजिटल हेल्थकेयर प्रणाली — जिसमें टेलीमेडिसिन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) और e-Sanjeevani जैसे नवाचार शामिल हैं — विकासशील देशों के लिए एक मॉडल के रूप में उभरी है। अर्जेंटीना, जो अब अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करना चाहता है, भारत के इन डिजिटल समाधानों में गहरी रुचि दिखा रहा है।
दोनों देशों के बीच डिजिटल स्वास्थ्य पर संयुक्त कार्यबल की स्थापना की घोषणा की गई है, जो कम लागत पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं अर्जेंटीना के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने में सहयोग करेगी। भारत की आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ भी अर्जेंटीना में लोकप्रिय हैं, जिन्हें इस यात्रा में दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों ने औपचारिक सहयोग का आधार बनाया है।
डिजिटल DPI अर्जेंटीना
भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) — जिसमें आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन जैसे अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म शामिल हैं — ने वैश्विक स्तर पर नवाचार का नया मानक स्थापित किया है। अर्जेंटीना भारत के अनुभवों से सीखते हुए अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था को पुनः आकार देना चाहता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्यूनस आयर्स में आयोजित भारत-अर्जेंटीना डिजिटल समिट को संबोधित करते हुए कहा,
भारत
भारत के डिजिटलीकरण, स्वास्थ्य सेवा और रक्षा विनिर्माण में किए गए नवाचार अर्जेंटीना के लिए आदर्श साबित हो सकते हैं। भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) मॉडल—जिसमें आधार, यूपीआई और कोविन जैसे उदाहरण शामिल हैं—दुनिया भर में प्रशंसा प्राप्त कर चुका है और अर्जेंटीना जैसे देशों के लिए लागत प्रभावी समाधान प्रदान कर सकता है।
इसी प्रकार, भारत की टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थकेयर तकनीक अर्जेंटीना को ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद कर सकती है। शिक्षा, कृषि तकनीक, डिजास्टर मैनेजमेंट और स्टार्टअप सहयोग जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ने की संभावना है।
घाना
अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की सशक्त भागीदारी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अकरा में आयोजित भारत-घाना व्यापार शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने व्यापार, निवेश, कृषि, स्वास्थ्य और डिजिटल तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने वाली कई घोषणाएं कीं। यह दौरा भारत-अफ्रीका रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो
पोर्ट ऑफ स्पेन में आयोजित विशेष सांस्कृतिक रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री ने त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति और प्रयागराज का पवित्र जल भेंट किया। इस सांस्कृतिक विनिमय ने भारत और कैरिबियाई देशों के बीच ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को और प्रगाढ़ किया।
अर्जेंटीना
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। ऊर्जा, खनिज और डिजिटल नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग की नई रणनीति पर चर्चा हुई। विशेष रूप से लिथियम और अन्य महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों में साझेदारी भारत की स्वच्छ ऊर्जा नीति के लिए अहम साबित हो सकती है। साथ ही, भारत की डिजिटल स्वास्थ्य और सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) मॉडल अर्जेंटीना के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।
आगामी कार्यक्रम
प्रधानमंत्री अब ब्राजील की ओर प्रस्थान करेंगे, जहां वे रियो डी जेनेरो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे ब्राजीलिया में एक द्विपक्षीय यात्रा पर जाएंगे। उनकी अंतिम यात्रा नामीबिया की होगी, जो अफ्रीका में भारत की बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति का संकेत देती है।
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