भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल रात घाना की राजधानी अक्रा पहुंचकर अपने ऐतिहासिक राजकीय दौरे की शुरुआत की। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा ने हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया, जिसमें गार्ड ऑफ ऑनर, 21 तोपों की सलामी और पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल थीं। इस उच्चस्तरीय यात्रा का उद्देश्य भारत-घाना द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा और मजबूती प्रदान करना है।
यह प्रधानमंत्री मोदी की घाना की पहली राजकीय यात्रा है और अफ्रीका में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
औपचारिक स्वागत और बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी के घाना आगमन पर राष्ट्रपति महामा ने व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत किया। इसके पश्चात राष्ट्रपति भवन में दोनों नेताओं के बीच ‘संवेदनशील’ (restricted) और ‘विस्तृत प्रतिनिधिमंडल स्तर’ (delegation-level) की वार्ताएं आयोजित की गईं।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि भारत और घाना ने आपसी सहयोग को एक समग्र साझेदारी (Comprehensive Partnership) का रूप देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा,
“भारत और घाना के बीच सहयोग अब एक विस्तृत, बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी के रूप में उभरेगा। यह सहयोग न केवल व्यापार और निवेश तक सीमित रहेगा, बल्कि यह लोगों के जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले क्षेत्रों तक फैलेगा।”
व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग
वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। घाना, पश्चिम अफ्रीका की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है और भारत वहाँ का एक प्रमुख निवेशक बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना की व्यापार नीति की सराहना की और बताया कि कैसे भारतीय कंपनियाँ ऊर्जा, स्वास्थ्य, निर्माण, खनन और आईटी क्षेत्रों में निवेश करने में रुचि दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत “मेक इन घाना” पहल का स्वागत करता है, और इसमें भागीदारी के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति महामा ने बताया कि भारत अब घाना के टॉप पाँच व्यापारिक साझेदारों में शामिल है और दोनों देशों के बीच व्यापार $2 बिलियन तक पहुँच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के निवेश से न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिली है, बल्कि स्थानीय स्तर पर नौकरियों का सृजन भी हुआ है।
कृषि, स्वास्थ्य और कौशल विकास में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की परंपरागत ताकत – कृषि, स्वास्थ्य, और स्किल डेवलपमेंट – को घाना की प्राथमिकताओं से जोड़ने की बात कही। उन्होंने घाना को भारतीय तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान करने की पेशकश की।
भारत ने घाना में एक “भारत-घाना कृषि उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना की घोषणा की, जिसमें भारतीय वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ स्थानीय किसानों को आधुनिक खेती, सिंचाई और बागवानी तकनीकों में प्रशिक्षित करेंगे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में, भारत ने घाना में एक आधुनिक टेलीमेडिसिन नेटवर्क और फार्मा आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित करने की योजना बनाई है। यह पहल घाना को किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत, घाना में UPI (Unified Payments Interface) आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली को स्थापित करने में सहायता करेगा, जिससे देश की वित्तीय समावेशन नीति को नई गति मिलेगी।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
दोनों देशों ने बढ़ते वैश्विक खतरों – विशेषकर आतंकवाद और साइबर सुरक्षा – के परिप्रेक्ष्य में रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई।
भारत और घाना अब नियमित संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण, रक्षा परामर्श, और सूचना साझा करने की दिशा में काम करेंगे। दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा पर भी चर्चा की, विशेष रूप से गिनी की खाड़ी में समुद्री डकैती की घटनाओं को रोकने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
संयुक्त राष्ट्र सुधार और वैश्विक आतंकवाद पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वैश्विक संस्थानों को 21वीं सदी की वास्तविकताओं के अनुरूप बनाना आवश्यक है।
दोनों नेताओं ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए वैश्विक आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी एक देश की नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय की जिम्मेदारी है।”
विकासात्मक साझेदारी और परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के विकास में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य, जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के निर्माण में कई परियोजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत द्वारा समर्थित एक “आईसीटी एक्सीलेंस सेंटर” जल्द ही घाना में शुरू होगा, जहां स्थानीय युवाओं को डिजिटल कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके अलावा, भारत ने एक नई लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) के तहत $150 मिलियन का ऋण प्रदान करने की पेशकश की है, जिसका उपयोग परिवहन और ऊर्जा क्षेत्र की परियोजनाओं में किया जाएगा।
चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर
वार्ता के बाद भारत और घाना के बीच चार प्रमुख समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए:
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संस्कृति और विरासत सहयोग समझौता – सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए
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मानक और गुणवत्ता नियंत्रण समझौता – व्यापारिक उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु
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आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा सहयोग – पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के प्रचार-प्रसार हेतु
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संयुक्त आयोग तंत्र (Joint Commission Mechanism) – द्विपक्षीय संबंधों की निगरानी और नई योजनाओं पर कार्य हेतु
इन समझौतों के माध्यम से दोनों देश अपनी साझेदारी को न केवल सरकारी स्तर पर, बल्कि आम जनता के बीच भी मजबूत करना चाहते हैं।
राजकीय भोज और राष्ट्रीय सम्मान
शाम को राष्ट्रपति जॉन महामा द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में एक भव्य राजकीय भोज (State Banquet) आयोजित किया गया। इस अवसर पर एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “Officer of the Order of the Star of Ghana” प्रदान किया गया।
यह सम्मान उन्हें उनकी दूरदर्शी वैश्विक नेतृत्व, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में योगदान, और भारत-अफ्रीका संबंधों के सशक्तिकरण के लिए दिया गया। सम्मान पत्र का पाठ घाना के विदेश मंत्री ने किया, जिसमें कहा गया:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल भारत के उत्थान को गति दी, बल्कि उन्होंने वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की आवाज़ को मजबूती से रखा। अफ्रीका के साथ उनकी प्रतिबद्धता अविस्मरणीय है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान ग्रहण करते हुए कहा,
“यह पुरस्कार मेरे लिए नहीं, बल्कि भारत की सवा सौ करोड़ जनता के लिए है। यह सम्मान भारत-घाना मित्रता का प्रतीक है।”
लोगों से जुड़ाव और भारतीय समुदाय से संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने अक्रा में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। उन्होंने भारत के विकास की दिशा, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका पर बात की।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका में बसे भारतीय समुदाय ने दोनों देशों के बीच “जीवंत पुल” का कार्य किया है। घाना में लगभग 10,000 भारतीय नागरिक और मूल भारतीय लोग निवास करते हैं, जो व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
निष्कर्ष: भारत-अफ्रीका संबंधों की नई शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह घाना यात्रा न केवल प्रतीकात्मक थी, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण रही। यह यात्रा भारत की “अफ्रीका फॉर अफ्रीकन्स” नीति और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल सहायता प्रदाता नहीं, बल्कि साझेदार के रूप में अफ्रीका के साथ खड़ा है। भारत और घाना के संबंध अब एक समग्र, बहुआयामी और जन-केंद्रित साझेदारी में परिवर्तित हो चुके हैं।