Admin Site |09.07.2025|Mission Sindoor|
जयपुर, 8 जुलाई जयपुर। उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने मंगलवार को राजस्थान शासन सचिवालय में आयोजित अजमेर ज़ोन की समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि विकास कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बजट वर्ष 2024-25 में की गई घोषणाओं को त्वरित रूप से पूरा किया जाए तथा बजट 2025-26 की सभी घोषणाओं पर निविदा प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र पूरी कर कार्य प्रारंभ करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक जिले में चल रही परियोजनाओं को समयबद्ध, पारदर्शी एवं गुणवत्तायुक्त तरीके से पूर्ण किया जाए, ताकि आमजन को इन योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
बैठक के दौरान अजमेर ज़ोन के अंतर्गत आने वाले अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, डीडवाना और ब्यावर जिलों की सड़कों और भवन निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। उपमुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे मौके पर जाकर कार्यों का निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि निर्माण कार्य तय मानकों के अनुरूप ही हो।
उन्होंने यह भी कहा कि बरसात के दौरान यदि कहीं पर सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं तो स्थानीय अधिकारी तुरंत सक्रिय होकर आवश्यक मरम्मत कार्य प्रारंभ करें, ताकि नागरिकों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि सड़क किनारे जलभराव, कीचड़ व यातायात अवरोध जैसे मुद्दों को प्राथमिकता से हल किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यों की प्रगति की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर सप्ताहवार जोनवार समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों का उद्देश्य कार्यों की पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति ‘काम में देरी नहीं, जनता की सेवा सर्वोपरि’ को साकार करने के लिए यह मॉडल अत्यंत प्रभावी है।
बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे प्रत्येक परियोजना की अद्यतन स्थिति राज्य सरकार के पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट करें तथा समय-समय पर जमीनी रिपोर्टिंग भी करें।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RSRDC), राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी, पेचेबल, नॉन-पेचेबल, मिसिंग लिंक, बाईपास, आरओबी, आरयूबी, एवं भवन निर्माण जैसी विभिन्न श्रेणियों की परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।
अधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री को ज़ोन के अंतर्गत लंबित, प्रगति पर तथा पूर्ण हुई परियोजनाओं की अद्यतन जानकारी प्रस्तुत की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं में देरी हो रही है, उनके कारणों की जाँच की जाए और यदि आवश्यक हो तो दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
राजस्थान शासन सचिवालय में आयोजित अजमेर ज़ोन की समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी द्वारा दिए गए निर्देश राज्य सरकार की विकास कार्यों के प्रति प्रतिबद्धता और पारदर्शिता की सोच को दर्शाते हैं। बैठक में लिए गए निर्णयों और दिए गए निर्देशों का विस्तृत विश्लेषण निम्नलिखित है:
बजट घोषणाओं की समयबद्ध पूर्ति
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि बजट 2024-25 में की गई सभी घोषणाओं को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन कार्यों की घोषणा पिछले वित्त वर्ष में हुई थी, उन्हें किसी भी स्थिति में लंबित नहीं रहने दिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि वर्ष 2025-26 के बजट में घोषित नई परियोजनाओं की निविदा प्रक्रिया तत्काल पूर्ण की जाए, ताकि उनमें समय पर कार्य प्रारंभ हो सके। उनका यह निर्देश राज्य सरकार की यह मंशा स्पष्ट करता है कि घोषणाएं केवल राजनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर क्रियान्वयन की दिशा में ठोस संकल्प हैं।
सड़क मरम्मत में तत्परता
उपमुख्यमंत्री ने बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी जिले में सड़कें क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तत्काल मरम्मत कार्य प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि बरसात के कारण अगर कहीं सड़कों में गड्ढे बन जाते हैं या मार्ग बाधित होता है, तो संबंधित अधिकारी स्वयं फील्ड में जाकर निरीक्षण करें और मरम्मत कार्य सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सड़क किनारे जलभराव, कीचड़, यातायात में अवरोध जैसी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए। इन निर्देशों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधा देने के प्रति सजग है।
निगरानी का सशक्त मॉडल
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यों की प्रगति की नियमित निगरानी के लिए राज्य स्तर पर हर सप्ताह जोनवार समीक्षा बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों का उद्देश्य विकास कार्यों की पारदर्शिता, गुणवत्ता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है। सप्ताहवार समीक्षा प्रणाली न केवल प्रशासनिक कार्यों में गति लाती है, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय करती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह निगरानी प्रणाली शासन के सुशासन की परिकल्पना को साकार कर रही है।
प्रमुख परियोजनाओं की श्रेणीवार समीक्षा
इस बैठक में विभिन्न एजेंसियों और विभागों की परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई। इसमें निम्न श्रेणियों की परियोजनाएं सम्मिलित रहीं:
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NHAI (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण): जिनके अंतर्गत बड़े राष्ट्रीय मार्गों के निर्माण और सुधार कार्य आते हैं।
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RSRDC (राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन): राज्य में सड़क निर्माण की महत्वपूर्ण एजेंसी।
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राजस्थान स्टेट हाईवे अथॉरिटी: राज्य राजमार्गों के रखरखाव और विस्तार की देखरेख।
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पेचेबल और नॉन-पेचेबल सड़कें: ग्रामीण एवं शहरी सड़कों की अवस्थिति और मरम्मत।
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मिसिंग लिंक परियोजनाएं: वे मार्ग जो दो महत्वपूर्ण सड़कों को जोड़ने वाले हैं लेकिन अब तक अधूरे हैं।
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आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) और आरयूबी (रेलवे अंडरब्रिज): ट्रैफिक जाम से निजात और सुगम यातायात की दिशा में कार्य।
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भवन निर्माण परियोजनाएं: सरकारी कार्यालय, स्कूल, चिकित्सालय, पंचायत भवन आदि के निर्माण से जुड़ी परियोजनाएं।
इन सभी परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति रिपोर्ट अधिकारियों द्वारा उपमुख्यमंत्री को दी गई। कुछ परियोजनाओं में देरी पर चिंता भी जताई गई और उन्हें गति देने के निर्देश दिए गए।
जवाबदेही तय करने के निर्देश
समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो रही हैं, उनके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी परियोजनाओं में देरी के कारणों की जाँच की जाए और यदि कोई अधिकारी या ठेकेदार लापरवाही का दोषी पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाए। यह निर्णय अधिकारियों में जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व की भावना को बढ़ाएगा तथा कार्यों में गति और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
प्रगति की नियमित रिपोर्टिंग
बैठक में इस बात पर विशेष बल दिया गया कि सभी विभागों और एजेंसियों द्वारा चल रही परियोजनाओं की अद्यतन प्रगति को राज्य सरकार के पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड किया जाए। इससे न केवल शासन स्तर पर निगरानी में सहूलियत होगी, बल्कि जनता भी इन परियोजनाओं की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही प्रशासन के दो मजबूत स्तंभ हैं और इनका पालन सुनिश्चित करने हेतु डिजिटल निगरानी प्रणाली अत्यंत आवश्यक है।